सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों के एनपीए में पिछले छह माह में आई कमी
नई दिल्ली, 21 मार्च हिंदुस्तान में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों (पीएसबी) की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में पिछले छह माह में कमी आई है. फिक्की-आईबीए बैंकर के बृहस्पतिवार को जारी सर्वेक्षण में बोला गया है कि इस अवधि में प्राइवेट सेक्टर के 67 फीसदी बैंकों का खराब कर्ज घटा है. सर्वेक्षण में शामिल 77 फीसदी बैंकों के एनपीए में पिछले छह माह में गिरावट आई है. प्राइवेट सेक्टर के बैंकों की तुलना में सरकारी बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता में अधिक सुधार हुआ है. उद्योग मंडल फिक्की-आईबीए बैंकर्स सर्वेक्षण का 18वां दौर जुलाई से दिसंबर, 2023 की अवधि में किया गया था.
सर्वेक्षण में सार्वजनिक क्षेत्र, प्राइवेट सेक्टर और विदेशी बैंकों सहित कुल 23 बैंकों ने भाग लिया. संपत्ति के आकार के आधार पर वर्गीकृत ये बैंक कुल मिलाकर लगभग 77 फीसदी बैंकिंग उद्योग का अगुवाई करते हैं. फिक्की-आईबीए बैंकर्स रिपोर्ट में शामिल आधे से अधिक बैंकों का मानना है कि अगले छह महीनों में सकल एनपीए 3-3.5 फीसदी के दायरे में रहेगा. सर्वेक्षण में बोला गया, “प्रतिक्रिया देने वाले सभी पीएसबी ने एनपीए के स्तर में कमी स्वीकार की है, जबकि भाग लेने वाले प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में से 67 फीसदी बैंकों ने एनपीए में कमी देखी है.
किसी भी पीएसबी और विदेशी बैंक ने पिछले छह माह में एनपीए स्तर में वृद्धि नहीं देखी है, जबकि 22 फीसदी निजी बैंकों का एनपीए बढ़ा है.’’ जिन क्षेत्रों में एनपीए का उच्चस्तर जारी है, उनमें से अधिकतर बैंकों ने खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों को चिह्नित किया है. सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि अगले छह महीनों में गैर-खाद्य उद्योग कर्ज के लिए दृष्टिकोण आशावादी है, 41 फीसदी बैंकों को गैर-खाद्य उद्योग कर्ज वृद्धि 12 फीसदी से ऊपर रहने की आशा है, जबकि 18 फीसदी को लगता है कि गैर-खाद्य उद्योग कर्ज वृद्धि 12 फीसदी से अधिक होगी. उद्योगों को ऋण वृद्धि 10-12 फीसदी की सीमा में होगी. इसके अलावा, 36 फीसदी बैंकों का मानना है कि गैर-खाद्य उद्योग कर्ज वृद्धि 8-10 फीसदी की सीमा में होगी.