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शेयर बाजार ऑल टाइम हाई का रिकॉर्ड पर, जानिए भारत पर कितना असर

Israel-Iran Tension: कभी दो दोस्त रहे दो दोस्तों के बीच तनाव इतना बढ़ा कि दोनों ने एक दूसरे के ऊपर बमबारी प्रारम्भ कर दी  युद्ध भले ही ईरान और इजरायल के बीच हो, लेकिन इसका असर आपको भी झेलना पड़ सकता है  मिडिल ईस्ट में इन दो राष्ट्रों के बीच के तनाव से पूरे विश्व के निवेशक सहमे हुए हैं असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला है

असर हिंदुस्तान पर भी  
ईरान-इजरायल के तनाव ने भारतीय शेयर बाजार को भी दवाब में डाल दिया है जो शेयर बाजार ऑल टाइम हाई का रिकॉर्ड बना रहा था ईरान-इजरायल के बीच के तनाव के बाद से  1000 अंकों तक लुढ़क गया निफ्टी जो हफ्तेभर पहले 22,800 के आसपास था, इस लड़ाई के बाद से गिरकर 22,150 तक पहुंच गया  इस युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय अर्थव्‍यवस्‍था के साथ-साथ हिंदुस्तान की इकोनॉमी पर भी असर डालना प्रारम्भ कर दिया है

कैसे पड़ेगा हिंदुस्तान के कारोबार पर असर 

भारत के दोनों ही राष्ट्रों से व्यवसायी संबंध है ईरान और इजरायल के साथ पिछले वर्ष हिंदुस्तान ने करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया था केवल ईरान के साथ हिंदुस्तान ने 20,800 करोड़ का कारोबार किया, जिसमें मुख्‍य तौर पर हिंदुस्तान ईरान को चाय, कॉफी, बासमती चावल और चीनी का निर्यात करता हैवहीं हिंदुस्तान ईरान से पेट्रोलियम कोक, मेवे और कुछ अन्‍य चीजें खरीदता है यदि इजरायल की बात करें तो हिंदुस्तान का इजरायल के साथ 89 हजार करोड रुपये का कारोबार है

सप्लाई चेन पर असर  
ईरान-इजरायल युद्ध से यदि Strait of Hormuz का रास्ता प्रभावित होता है तो हिंदुस्तान को झटका लगेगा सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार कच्चे ऑयल के आयात के लिए स्ट्रेट ऑफ होर्मुज का रूट सबसे अहम है रूट प्रभावित हुआ तो हिंदुस्तान पर इसका असर होगा, क्योंकि हिंदुस्तान कच्चे ऑयल के लिए आयात पर निर्भर है मिडिल-ईस्ट में तनाव के कारण कच्चे ऑयल की कीमतों पर जबरदस्त असर पड़ सकता है जानकारों की माने तो कच्चे ऑयल की कीमतें जो शुक्रवार को 90 $ प्रति बैरल के करीब बंद हुई थीं, अगले कुछ दिनों में 100 $ के लेवल को पार कर सकती है

महंगाई का झटका  

ऐसा नहीं है कि कच्चे ऑयल की कीमतें आपको प्रभावित करेगी, बल्कि इस तनाव का असर सोना, चांदी, तांबा जैसे मेटल की कीमतों पर भी इसका असर पड़ सकता है इस युद्ध का असर पूरे विश्व में महंगाई बढ़ने की संभावना है महंगाई कम नहीं हुई तो केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को कम नहीं करेंग ऋण महंगा होगा और बाजार पर भी इसका असर पड़ेगा

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