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नए वित्त वर्ष में भारतीय बाजारों से रिटर्न रह सकता है 10-15 फीसदी तक…

अहमदाबाद : भारत, अमेरिका और अन्य राष्ट्रों में चुनाव, ब्याज रेट कार्रवाई और लगातार भू-राजनीतिक तनाव जैसी घटनाएं बाजार की धारणा को प्रभावित करती हैं. इसे देखते हुए ज्यादातर बाजार जानकारों का मानना ​​है कि नए वित्त साल में भारतीय बाजारों से रिटर्न 10-15 प्रतिशत के आसपास रह सकता है

FY2024 में, सेंसेक्स और निफ्टी ने क्रमशः 25% और 29% का रिटर्न दिया. जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप सूचकांकों ने 60% से अधिक का रिटर्न दिया. FY2020 और FY2024 के बीच, निफ्टी और सेंसेक्स ने क्रमशः 160% और 150% का रिटर्न दिया है.

लगातार उच्च रिटर्न को देखते हुए, जानकार बाजार में सावधानी बरतने की राय देते हैं, खासकर क्योंकि मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों का मूल्यांकन बहुत अधिक है. दरअसल, उनका मानना ​​है कि FY2025, FY2024 के उल्टा होने की आसार है. बाजार में व्यापक अस्थिरता रहेगी इसे देखते हुए, निवेशकों के लिए वित्त साल 2025 के लिए सावधानी बरतना समझदारी होगी.

हम विश्व स्तर पर बाजारों के ऐतिहासिक प्रदर्शन से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. गौरतलब है कि हम अब तेजी के बाजार के पांचवें साल में हैं. आम तौर पर, तेजी के बाजार 5 वर्ष से अधिक नहीं टिकते, अक्सर थोड़ा कम.

इस कदम पर विचार करने वाले निवेशकों को वित्त साल 2025 में 10-15% का रिटर्न मिल सकता है, हालांकि बाजार जानकारों का मानना ​​​​है कि उच्च मूल्यांकन व्यापक बाजार में फायदा को सीमित कर सकता है. निकट भविष्य में निवेशकों का ध्यान हिंदुस्तान में होने वाले चुनावों पर रहेगा. चुनाव नतीजे आने तक बाजार में थोड़ी घबराहट बनी रह सकती है.

फिर भी घबराहट सामान्य से बहुत कम होगी क्योंकि अधिकतर सर्वेक्षण एकतरफा रिज़ल्ट का सुझाव देते हैं. यदि किसी एक दल को भारी बहुमत मिलता है तो निवेशक जुलाई में बजट पर उत्सुकता से नजर रखेंगे. सेंसेक्स 74501 और निफ्टी 22619 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ वित्तीय साल की आरंभ निवेशकों के लिए उत्साहजनक रही है.

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