जानें, क्रेडिट कार्ड से रेंट पेमेंट पर बैंक क्यों लेते हैं एक्स्ट्रा चार्ज…
इसके साथ ही इस पर 18 फीसदी GST भी लगेगा. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के क्रेडिट कार्ड पर भी यही नियम लागू होते हैं, लेकिन इसकी क्रेडिट फ्री लिमिट 15,000 रुपये की स्थान 20,000 रुपये है. समाप्त होगी रिवॉर्ड की परंपरा अभी तक कंपनियां क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर रिवॉर्ड देती थीं. जबकि अब वे चार्ज ले रहे हैं. अब प्रश्न यह है कि बैंक यह चार्ज क्यों ले रहे हैं? इसका सीधा सा उत्तर यह है कि चार्ज न लेने से उन्हें कम मार्जिन मिल रहा है. इसलिए वे इस चार्ज के जरिए अपना फायदा वसूल रहे हैं. आपको बता दें कि कुछ ऐप और वेबसाइट हैं, जैसे कि BharatNXT, जो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके बिजनेस पेमेंट सर्विस देते हैं. लोग अपने बिलों का भुगतान करने के लिए इन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं.
हालांकि, आम कंज़्यूमरों को इन अतिरिक्त चार्ज के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए. सभी बैंक जिन्होंने यूटिलिटी पेमेंट पर अतिरिक्त चार्ज करना प्रारम्भ किया है, वे अपने ग्राहकों को निःशुल्क क्रेडिट लिमिट देते हैं. अभी यह लिमिट 10,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक हो सकती है, जो एक सामान्य भारतीय परिवार के लिए एक अच्छी लिमिट है. उदाहरण के लिए, जब यस बैंक ने पहली बार अपने क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले यूटिलिटी पेमेंट पर 1 फीसदी अतिरिक्त चार्ज करने के निर्णय की घोषणा की थी, तब 15,000 रुपये की कोई निःशुल्क इस्तेमाल सीमा नहीं थी.
ऐसे बचा सकते हैं पैसे
अगर आप यूटिलिटी बिल के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं देना चाहते हैं, तो आप RuPay के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह कार्ड मर्चेंट पेमेंट पर एक भी रुपया चार्ज नहीं करता है. यदि आप UPI के ज़रिए पैसे ट्रांसफर करते हैं, तो यूज़र्स को एक महीने का समय भी मिलता है, जिससे वो सरलता से क्रेडिट कार्ड का बिल चुका सकते हैं. पेट्रोल पंप पर आप जिस क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करते हैं, उसे वहां उपस्थित UPI स्कैनर से स्कैन करें और RuPay क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल प्रारम्भ कर दें. ऐसा करके आप न केवल अपने पैसे बचाएंगे, बल्कि डिजिटल इण्डिया में अपना सहयोग भी सुनिश्चित कर पाएंगे.