कल से बदल जाएगा शेयर बाजार में ट्रेडिंग का तरीका
What is T+0 Settlement System: यदि आप भी शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं तो यह समाचार आपके काम की है। कल से बाजार में ट्रेडिंग का सिस्टम बदलने जा रहा है। इसलिए महत्वपूर्ण है कि आपको इसके बारे में पहले से जानकारी हो। बाजार रेग्युलेटर सेबी (SEBI) के आदेश के मुताबिक शेयर बाजार 28 मार्च से T+0 ट्रेड सेटलमेंट लागू करने जा रहा है। लेकिन आरंभ में इसे 25 कंपनियों के शेयर पर लागू किया जाएगा। अभी यह सुविधा टेस्टिंग के तौर पर है, जो कि 25 चुनिंदा शेयर और चुनिंदा ब्रोकर्स के लिए मौजूद होगी। कौन-कौन ब्रोकर इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे, इस बारे में भी बाद में जानकारी दी जाएगी। अभी शेयर बाजार T+1 ट्रेडिंग सिस्टम पर काम करता है।
T+0 सेटलमेंट क्या है?
T+0 सेटलमेंट का सीधा सा मतलब है कि आपके शेयर खरीदने या बेचने का लेनदेन उसी दिन पूरा हो जाने से है। इस सिस्टम में किसी तरह की देरी नहीं होती। आपने जिस दिन शेयर खरीदे, उसी दिन आपको पेमेंट कर देंगे और उसी दिन शेयर आपके डीमैट एकाउंट में आ जाएंगे। इसी तरह, आपने जिस दिन शेयर बेचे, आपको उसी दिन पेमेंट मिल जाएगा। सेबी इसे 28 मार्च से लागू कर रही है। यह विकल्प भी होगा आप T+0 या T+1 में से किसी भी ऑप्शन को सेटलमेंट के लिए सिलेक्ट कर सकते हैं।
ट्रेड सेटलमेंट सिस्टम क्या है?
ट्रेड सेटलमेंट शेयर बाजार में किसी ट्रेड लेनदेन के पूरा होने का प्रोसेस है। इसमें खरीदार और सेलर के बीच शेयरों और पैसों का लेन-देन होता है। ट्रेड सेटलमेंट जितना शीघ्र हो, उतनी ही शीघ्र निवेशकों को उनके खरीदे गए शेयर और बेचे गए शेयरों से पैसे मिल जाते हैं।
बाजार में शेयरों का सेटलमेंट कैसे होता है?
अभी राष्ट्र के शेयर बाजार में सभी शेयरों के लिए T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू है। यानी आप आज जो शेयर खरीदते हैं, उसके पैसे और शेयर आपके डीमैट एकाउंट में T+1 यानी एक दिन बाद जमा हो जाते हैं। इसी तरह आप यदि कोई शेयर बेचते हैं तो भी उसके पैसे आपको बैंक एकाउंट में T+1 के आधार पर ही मिलते हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई निवेशक सोमवार को शेयर खरीदता है तो उसे वे शेयर उसके डीमैट एकाउंट में मंगलवार को शो करेंगे। नया आने वाला सिस्टम T+0 के साथ्ज्ञ मौजूदा T+1 सिस्टम भी चलता रहेगा।
T+0 सेटलमेंट की जानकारी कहां मिलेगी?
T+0 वाले सेटलमेंट कैलेंडर से जुड़ी जानकारी आपको कई स्थान से मिल सकती है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्लियरिंग (NSE Clearing) हर महीने जारी होने वाले सेटलमेंट कैलेंडर के डॉक्यूमेंट्स में T+0 का सेटलमेंट कैलेंडर भी शामिल होगा। इसके अतिरिक्त आप इस बारे में ब्रोकर से भी जानकारी ले सकेंगे।
T+0 वाले शेयरों को बेचने पर शीघ्र पैसे पाने का क्या सिस्टम है?
T+0 में यदि आप कोई शेयर बेचते हैं और शीघ्र पैसे पाना चाहते हैं तो अभी यह सुविधा नहीं है। आप केवल ‘ब्लॉक मैकेनिज्म’ के जरिये शीघ्र से शेयरों को जमा (pay-in) कर सकते हैं। ‘ब्लॉक मैकेनिज्म’ से तात्पर्य यह है कि आप शीघ्र से बेचे गए शेयरों को अपने डीमैट एकाउंट से निकालकर ब्रोकर के पास जमा कर देते हैं। इससे आपके ब्रोकर को यह पता चल जाता है कि आपके पास बेचने के लिए शेयर उपस्थित हैं।
T+0 में शेयर जमा कराने लिमिट क्या है?
T+0 में शीघ्र शेयर जमा कराने की अभी कोई प्रबंध नहीं है। आप केवल ‘ब्लॉक मैकेनिज्म’ के जरिये शीघ्र से शेयरों को जमा करा सकते हैं। जमा कराने की टाइम लिमिट की बात करें तो आप यूपीआई (UPI) से पेमेंट करें या नहीं करें, सभी के लिए शेयर जमा कराने की अंतिम समय सीमा कारोबार वाले दिन 1:45 बजे तक है।
कौन-कौन शेयर इस दायरे में आएंगे
बीएसई ने T+0 सेटलमेंट वाले शेयर से जुड़ी एक लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में बजाज ऑटो, जेएसडब्ल्यू स्टील, एलटीआईमाइंडट्री, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, एमआरएफ, वेदांता, अंबुजा सीमेंट, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, अशोक लीलैंड, बीपीसीएल, बिरला सॉफ्ट, सिप्ला, कोफोर्ज, डिवीज लैबोरेटरीज, भारतीय होटल्स, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का नाम दिया गया है। इसके अतिरिक्त नेस्ले इंडिया, एनएमडीसी, ओएनजीसी, पेट्रोनेट एलएनजी, संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल, टाटा कम्युनिकेशंस, ट्रेंट, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया भी T+0 सेटलमेंट के बीटा एडिशन का हिस्सा होंगे।
अभी काम करता है T+1 सिस्टम
शेयर बाजार में मौजूदा समय में T+1 पर काम चल रहा है। यानी T+1 (ट्रेडिंग+एक दिन) का सेटलमेंट सिस्टम लागू है। दुनियाभर के बड़े शेयर बाजार में T+2 वाला सिस्टम चलता है। दूसरे राष्ट्रों के शेयर बाजार में खरीद और बिक्री का निपटान दो दिन में होता है। अभी T+0 वाला सिस्टम सिर्फ़ चीन में है। T+1 वाले सिस्टम को 27 जनवरी, 2023 को लागू किया गया था। इससे पहले हिंदुस्तान में भी T+2 सेटलमेंट था।
हर ट्रेड T+0 के हिसाब से काम करेगा?
T+0 सेटलमेंट सिस्टम से शेयर बाजार में लेनदेन मौजूदा सिस्टम से तेज हो जाएगा। लेकिन हर ट्रेड T+0 के हिसाब से सेटल होगा, यह महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि यह सुविधा T+1 सेटलमेंट से अलग होगी। कल से बाजार में दो तरह के सेटलमेंट प्रोसेस होंगे। जिन शेयरों पर यह सुविधा होगी, उनके लिए आप अपनी पसंद के मुताबिक T+1 या T+0 सेटलमेंट प्रोसेस सिलेक्ट कर सकते हैं।
नए सिस्टम की चुनौतियां?
T+0 सेटलमेंट सिस्टम को लागू करने में कुछ चुनौतियां हैं भी हैं। इसे लागू करने के लिए पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम में परिवर्तन करना होगा। यह काफी खर्चीला हो सकता है। दूसरा यह कि छोटे निवेशकों और कंपनियों के लिए दिक्कतें बढ़ सकती हैं। उन्हें अपने पेमेंट को शीघ्र से निपटाना होगा ताकि समय पर लेन-देन हो सके। इस सिस्टम के लागू होने के बाद शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव अधिक होने की आशा है। सकता है, खासकर तब जब बहुत अधिक लेन-देन हो रहा हो।