बिज़नस

आम चुनावों के बाद शेयर बाजार में 100 अरब डॉलर आ सकता है विदेशी निवेश : JP Morgan

देश में आम चुनावों के बाद शेयर बाजार में 100 अरब $ का निवेश विदेशी निवेश आ सकता है. जेपी मॉर्गन ने बोला कि अर्थव्यवस्था की आशाजनक विकास संभावनाओं और अमेरिका के फेडरल रिजर्व की रेट में कटौती की आसार के चलते भारतीय बाजार सुन्दर बना हुआ है.

जेपी मॉर्गन के एक अधिकारी ने एक साक्षात्कार में बुधवार को कहा, हिंदुस्तान के 4.3 लाख करोड़ $ वाले शेयर बाजार में अंतरराष्ट्रीय फंड की स्थिति मामूली बनी हुई है. निवेशक बाजार के किसी भी सुधार को होल्डिंग बढ़ाने के अवसर के रूप में इस्तेमाल करेंगे. विदेशी निवेशक पिछले दो ढाई वर्ष से अपने निवेश को बहुत अधिक नहीं बढ़ाए हैं. वे एक साफ और मजबूत अवसर के प्रतीक्षा में हैं. विदेशी निवेशक विकास आधारित नीतियों या सुधारों के आधार पर बाजार में निवेश बढ़ाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में इस पर अधिक बल दिया जा सकता है. इसलिए चुनावों के बाद नयी गवर्नमेंट के आने पर विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में अच्छा खासा निवेश कर सकते हैं.

गोल्डमैन का भी निवेश का अनुमान
जेपी मॉर्गन से पहले गोल्डमैन सैश ने भी बोला है कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने से इस दशक में हिंदुस्तान तेज विकास करेगा. मोदी गवर्नमेंट ने बाजार-अनुकूल नीतियों को जारी रखने, बुनियादी ढांचे पर खर्च करने और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने का वादा किया है.

भारत सबसे आगे रहेगा
कई निवेशकों का तर्क है कि अर्थव्यवस्था की बेहतर विकास संभावनाओं और सियासी स्थिरता को देखते हुए हिंदुस्तान दूसरे उभरते बाजारों की तुलना में आगे रह सकता है. गोल्डमैन के एशिया के इक्विटी रणनीतिकार सुनील कौल ने कहा, अंतरराष्ट्रीय फंड हिंदुस्तान में निवेश बढ़ाने के इच्छुक हैं. बेहतर अवसर की तलाश में हैं. हमें आशा है कि वर्ष के उत्तरार्ध में विदेशी प्रवाह बढ़ेगा, क्योंकि चुनाव हो चुका होगा. साथ ही, केंद्रीय बैंक दरों को घटाएंगे. $ भी रुपया की तुलना में कमजोर होगा.

763 अरब $ है विदेशी निवेशकों का हिस्सा
जेपी मॉर्गन के अधिकारी ने कहा, भारतीय बाजार के लिए अपने उच्च मूल्यांकन को बनाए रखने के लिए नीतिगत निरंतरता महत्वपूर्ण है. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार फरवरी के अंत तक विदेशी निवेशकों की भारतीय शेयरों में हिस्सेदारी 763 अरब $ थी.

दूसरी छमाही से निवेश में रहेगा उतार-चढ़ाव
पिछले वर्ष की दूसरी छमाही से विदेशी निवेश में उतार-चढ़ाव है. लगातार तेजी से बाजार का मूल्यांकन अधिक हो गया है. एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स 2023 में रिकॉर्ड आठ वर्ष की तेजी को इस वर्ष गंवा सकता है. स्मॉल और मिड-कैप में बुलबुले के कारण बाजार दबाव में हैं.

Related Articles

Back to top button