आईये जानते है, कैसे काम करता है ट्यूबलेस टायर
अब ज्यादातर गाड़ियों में आपको ट्यूबलैस टायर्स देखने को मिल जाते हैं। ट्यूबलैस टायर्स के अंदर ट्यूब अलग से नहीं होती है। यह एक खास तरह के केमिकल से बनी होती है और टायर के साथ एक लेयर की तरह चिपकी होती है। ट्यूब का टायर से बिलकुल चिपका होना ही ट्यूबलैस टायर को ट्यूब वाले टायर से अलग कर देता है। लेकिन ट्यूब वाले टायर की स्थान ट्यूबलैस टायर की आवश्यकता ही क्यों पड़ी। दरअसल, जब ट्यूब वाले टायर में कहीं कील या कोई नुकीली चीज चुभती है तो वह तुरंत फट जाता है। इससे एक्सीडेंट का खतरा बढ़ता है। दूसरा यदि किसी सुनसान स्थान पर टायर फटा तो गाड़ी चालक के लिए वाहन को मैकेनिक तक ले जाना ही भारी पड़ जाता है।
ट्यूबलैस टायर इसी परेशानी का निदान करते हैं। ट्यूबलैस टायर फटते नहीं हैं। इनमें यदि कील चुभ भी जाए तो हवा धीरे-धीरे ही निकलती है। इससे चालक को पूरा समय मिल जाता है कि वह किसी मैकेनिक के पास वाहन को ले जाए और टायर ठीक करवा ले। लेकिन ट्यूबलैस टायर से हवा तेजी से निकलती क्यों नहीं या टायर में छेद होने पर वह फटता क्यों नहीं है।
गुब्बारे के उदाहरण से समझें
दो गुब्बारे लीजिए। उनमें से एक में टेप लगा दीजिए और दूसरे को बिना टेप के रहने दें। पहले बिना टेप वाले गुब्बारे में कील चुभाएं। आप देखेंगे कि गुब्बारा तुंरत फट जाएगा। अब दूसरे गुब्बारे में जहां टेप लगी है वहां पिन या कील मारें। आप देखेंगे कि गुब्बारा फटेगा नहीं। भले ही उसमें से हवा धीरे-धीरे बाहर निकलने लगेगी। अब प्रश्न है कि ऐसा कैसे हुआ।
क्या है इसका कारण
जब गुब्बारे में कील चुभती तो उसके अंदर की हवा तेजी से बाहर निकलती है। हवा का इतना प्रेशर गुब्बारे की पतली परत झेल नहीं पाती और वह भी तेजी से फैलने लगती है। यह सब कुछ माइक्रोसेंकड्स में होता है और इसलिए गुब्बारा तुरंत फट जाता है।
टेप वाला गुब्बारा क्यों नहीं फटा
टेप वाले गुब्बारे में भी कील चुभने पर हवा निकलती है लेकिन टेप वह हवा टेप और गुब्बारे की परत के बीच फंस जाती है। उसका रिसाव बहुत धीरे-धीरे होता है। इसकी वजह से गुब्बारे की हवा कम तो होती है लेकिन बहुत धीरे-धीरे। ठीक इसी तरह से टायर में टेप की स्थान अंदर से ट्यूब की एक पतली परत को चिपका दिया जाता है। जब ट्यूबलैस टायर में कील गड़ती है तो हवा चिपके हुए टायर और ट्यूब में फंस जाती है और धीरे-धीरे उसका रिसाव प्रारम्भ होता है। इसलिए टायर फटता नहीं और कील चुभने के बाद भी कुछ दूर बड़ी आराम से जा सकता है।