मनोज कुमार पांडेय
झारखंड/कोडरमा
‘ये भला क्यों भीख मांगे जुगनुओं से रौशनी की, अपने हिस्से का नया सूरज उगाना जानती हैं।’ इस कहावत को चिरतार्थ कर दिखाया है झुमरी तिलैया के पुराना बस स्टैंड निवासी नूर फातिमा ने। सोमवार को बीपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2023 का परिणाम जारी किया गया जिसमें नूर फातिमा का चयन हुआ है। इसमें नूर फातिमा ने बिहार मे 221 रैंक हासिल किया है। फातिमा का परिवार झुमरी तिलैया स्थित पुराना बस स्टैंड निकट इमाम क्लीनिक के पास रहता है। फातिमा ने कहा तीसरे अटेंम्ट मे उनका यह कामयाबी मिली है। इसके पहले दो बार सिर्फ़ पीटी पास की थीं। उन्होंने इस फलता का श्रेय अपनी मेहनत और सेल्फ मोटिवेशन को दिया है। इन्होंने डीएवी तिलैया से मैट्रिक, 12वीं की जेवीएम श्यामली रांची और बीसीए की पढ़ाई जेजे कॉलेज से की थी।
बाधाओं से लड़कर पाई सफलता: फातिमा के लिए विवाह के बाद पढ़ाई को जारी रखना सरल नहीं था। इसमें उनके पति और ससुर ने उनका बहुत साथ दिया। 2016 में बरही के करियातपुर के दुलंभा निवासी हाशिम मियां के पुत्र हारून रशीद से उनका विवाह हुआ। पति दुर्गापुर में एक प्राइवेट कंपनी में अकाउंटेंट के तौर पर कार्यरत हैं। उन्होंने उनका बहुत साथ दिया।
पहले जॉब फिर बच्चा: 2016 में विवाह के बाद वह परीक्षा की तैयारी में लग गई। उन्होंने निश्चय किया की जॉब पाने के बाद ही वह बच्चे को जन्म देगी। इससे उन्हें समाज के ताने भी सुनने पड़े। लेकिन उनके पति और ससुर उनके साथ खड़े रहे।
स्नातक के बाद वह बैंकिंग की तैयारी में लग गई। बाद में घर से ही यूपीएससी की तैयारी करने लगी। तैयारी के दौरान उन्हें बीपीएससी के बारे में पता चला। 2022 में बीपीएससी की परीक्षा में वह पीटी में फेल हो गई। इसके बाद उन्होंने कुछ दिनों के लिए तैयारी छोड़ दी और हार मानने लगी लेकिन उन्होंने फिर से तैयारी कि और कामयाबी प्राप्त की। 6 भाई-बहनों में फातिमा तीसरी नंबर पर हैं। उनके पिता मो बदरुद्दीन रामगढ़ जिला उपायुक्त कार्यालय से बड़ा बाबू के पद से रिटायर हुए हैं। जबकि मां गृहणी हैं। भाई अफ़ज़ल रेलवे में और फैज़ल इंजीनियर है। नूर फातिमा का चयन समाज कल्याण विभाग प्रखंड कल्याण पदाधिकारों मे चयन हुआ है। उन्होंने दूरभाष पर कहा कि प्रतिदिन पांच से छह घंटे की नियिमत पढ़ाई से यह कामयाबी मिली है। उन्होंने कामयाबी के लिए लगातार कोशिश और दृढ विश्वास को कामयाबी की कुंजी कहा है।