अब गेंहू की फसल बोने वालों को नुकसान होने की आशंका कम
New wheat seed for यूपी Bihar। उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों के लिए अच्छी समाचार है। अब गेंहू की फसल बोने वालों को हानि होने की संभावना कम रहेगी। किसानों को इस हानि से बचाने के लिए भारतीय एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरएआरआई-पूसा) ने गेंहू की नयी वैराइटी खोजी है, जो इस साल पहली बार किसानों को मिलेगा। इस तरह उत्तर प्रदेश और बिहार के गेंंहू बोने वाले किसानों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी।
पूसा के वरिष्ठ वैज्ञानिक और गेंहू के नए बीज की रसिर्च करने वाले डा। राजबीर यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार गेंहू की फसल बोने वाले किसान हानि की वजह से परेशान रहते हैं, कभी फसल में रोग लग गयी तो कभी समय से पहले ही तापमान बढ़ गया या अन्य कई वजह होती हैं, जिससे खामियाजा किसानों को उठाना पड़ता है।
किसानों की इस तरह की समस्या से राहत दिलाने के लिए दोनों प्रदेशों की जलवाऊ के मुताबिक पूसा ने एचडी 3388 बीज खोजा गया है। इसकी विशेषता यह है कि सामान्य गेंहू के मुकाबले इसका दाना काफी बड़ा है, जिससे किसानों को अच्छी मूल्य मिल सकती है। इसके अतिरिक्त इसमें रोग लगने की संभावना भी कम रहेगी। इस तरह नया बीज किसानों के लिए वरदान साबित होगा।
नए बीज से गेंहू की पैदावार भी बढ़ेगी। डा। राजबीर यादव के मुताबिक इसकी पैदावार 6 टन प्रति हेक्टेयर तक होगी। इसका दाना साफ होगा और खाने में सामान्य गेंहू की तुलना में बेहतर स्वाद वाला होगा।
बीज को किसानों तक पहुंचाने के लिए पूसा उत्तर प्रदेश और बिहार की बीज कंपनियों के साथ एमओयू साइन करेगा, जिसके बाद किसानों को इन्हीं कंपनियों के आउटलेट पर बीज उलब्ध होगा। बिहार में रहने वाले किसान पूसा बिहार से भी बीज ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय बीज निगम के आउटलेट से भी बीज लिया जा सकता है। इस तरह बीज के लिए भी किसानों को इधर उधर भटकना नहीं होगा।