बिहार

देव उठानी एकादशी के दिन क्या करना चाहिए,जाने…

 जमुई: हिंदू धार्मिक परंपराओं में वर्ष के सभी महीने में दो एकादशी मनाई जाती है, लेकिन इनमें से देवोत्थान एकादशी को काफी खास माना जाता है कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवोत्थान एकादशी या देव उठानी एकादशी भी कहते हैं आइए आज हम जानते हैं कि आखिर देवउठनी एकादशी क्यों मनाई जाती है और इसे क्यों इतना जरूरी माना जाता है ज्योतिषाचार्य प्रदीप आचार्य बताते हैं कि देवउठनी एकादशी को इसलिए भी खास माना जाता है क्योंकि इस दिन ईश्वर विष्णु योग निद्रा से बाहर आते हैं और सभी वैवाहिक एवं शुभ मांगलिक कार्य प्रारम्भ हो जाते हैं उन्होंने कहा कि इस साल देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को मनाई जाएगी

देव उठानी एकादशी के दिन क्या करना चाहिए
ज्योतिषाचार्य प्रदीप आचार्य ने कहा कि देवउठनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत होने के बाद ईश्वर विष्णु की पूजा करना चाहिए उन्होंने कहा कि श्री हरि विष्णु की प्रतिमा के सामने उन्हें जगाने का आह्वान करना चाहिए पूजा स्थल पर घी के 11 दिए देवी-देवताओं के समक्ष जलाने चाहिए

उन्होंने कहा कि यदि संभव हो पाए तो गन्ने का मंडप बनाकर उसके बीच में ईश्वर विष्णु की मूर्ति रखनी चाहिए और उनका पूजा-अर्चना करनी चाहिए उन्होंने कहा कि ईश्वर विष्णु को गन्ना, सिंघाड़ा, लड्डू जैसे मौसमी फल अर्पित करें तथा एकादशी की रात में घी का एक दीपक जलाएं

एकादशी को ही तुलसी शादी का आयोजन
ज्योतिषाचार्य प्रदीप आचार्य ने कहा कि देवउठनी एकादशी के दिन ही तुलसी शादी का भी आयोजन किया जाता है और इसी दिन तुलसी का पौधा दान करने की भी परंपरा रही है उन्होंने कहा कि ईश्वर विष्णु देवोत्थान एकादशी के बाद से हीं लगातार सोए हालत में होते हैं और इस दिन वह जगते हैं तो देवउठनी एकादशी को ईश्वर विष्णु को घर में स्थापित करना चाहिए

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