सुपौल में ग्रामीणों ने ध्वस्त पुल पर 40 फीट में चचरी पुल का किया निर्माण
सुपौल के निर्मली शहर से सटे जरौली ढाला के पास खड़ग नदी पर ध्वस्त डायवर्सन के समांनतर ग्रामीणों ने श्रमदान कर बांस के बने चचरी पुल का निर्माण कर दिया। ग्रामीणों ने करीब 40 फीट में चचरी पुल निर्माण कर डाला। इसकी लागत करीब 50 हजार रुपए ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर दिए हैं।
गौरतलब है कि जर्जर पुल को तोड़ने के बाद आरसीसी पुल निर्माण में जुटे कार्य एजेंसी की ढिलाई चरम पर है। निर्माणाधीन पुल के पास काफी नीचे बने डायवर्सन दो बार खड़क नदी के तेज बहाव में ध्वस्त हो चुका है। इसके बाद से आज तक वहां डायवर्सन का निर्माण नहीं कराया गया है। लिहाजा ग्रामीणों ने कई बार विभागीय और कार्य एजेंसी से कम्पलेन की। बावजूद विभागीय स्तर से सकारात्मक पहल नहीं की गई।
चचरी पुल का निर्माण
इसके बाद जरौली गांव के ग्रामीणों ने चचरी पुल निर्माण का संकल्प ले लिया। मंगलवार की दोपहर के बाद प्रारम्भ की गई चचरी पुल बुधवार की सुबह दर्जनों ग्रामीणों के योगदान से बना ली गई है। मंगलवार की शाम तक 80% चचरी पुल निर्माण का काम पूरा किया गया था। जो बुधवार के अहले सुबह तक निर्माण पूरा कर लिया गया है।
निर्मली नगर पंचायत के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि जगन्नाथ कामत ने कहा कि जर्जर पुल तोड़ने के बाद कर एजेंसी द्वारा समय अवधि में ही नए पुल का निर्माण कार्य पूर्ण करना था। लेकिन समय समापन के बाद भी पुनर्निर्माण कार्य अधूरा है। डायवर्सन भी ठीक से नहीं बनाया गया था।
इसी कारण यहां दो बार डायवर्सन ध्वस्त हो गया। इसके बाद से कर एजेंसी से संबंधित संवेदक और कर्मी कार्य स्थल से गायब हैं। ध्वस्त डायवर्सन के पास से लोगों को नदी पार करके आवागमन करना पड़ता था। इधर, ग्रामीणों की पीड़ा देख पर्सनल ऐच्छिक कोष से तुरन्त आर्थिक योगदान भी किया गया। ताकि गांव शहर का संपर्क नियमित हो सके।
कर एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई हो
चचरी बनने से अभी पैदल, साइकिल वह बाइक चालकों को बाजार आने और जाने में सहूलियत होगी। लेकिन पुल निर्माण को लेकर भी कर एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया होनी चाहिए। ताकि जल्द ही यहां आरसीसी पुल का निर्माण भी पूरा हो सके।
बता दें कि डायवर्सन ध्वस्त होने की वजह से निर्मली अनुमंडल मुख्यालय से आधा दर्जन गांव से अधिक गांव के लोगों का आवागमन बाधित था। इस चचरी पुल के निर्माण से जरौली, हरियाही, इस्लामपुर, हरिपुर समेत आधा दर्जन से अधिक गांव के लोगों का संपर्क सरल और आसान हो जाएगा। वहीं निर्मली नगर पंचायत के व्यवसायी को भी इन गांवों तक जाने में सहूलियत मिलेगी।