Gorakhpur News: बाजारों में इन सामानों की है खूब मांग
ईश्वर सूर्य के उपासना का लोक पर्व छठ को लेकर उत्सव और उल्लास का वातावरण है। बिहार से प्रारम्भ हुआ यह त्योहार यूपी सहित हिंदुस्तान के लगभग सभी प्रदेशों में मनाया जा रहा है। बिहार से सटे होने के कारण यूपी के पूर्वांचल में भारी संख्या में लोग इस त्योहार को मनाते हैं। शुक्रवार से नहाए खाए के साथ इस त्योहार की आरंभ हो गई है। घर से लेकर घाट और बाजार तक में चहल-पहल बढ़ गई है। प्रकृति को समर्पित इस पर्व की आरंभ कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन शुक्रवार को नहाए खाए के साथ हुई। घरों से लेकर बाजारों तक छठ गीत वातावरण में गुजर रहे हैं माहौल भक्ति से ओतप्रोत हैं। छठ पूजा के लिए थोक के बाद फुटकर बाजार भी सज कर तैयार हो गए हैं। सूप, दउरा, मिट्टी के बर्तन के साथ फलों की खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ उमड़ने लगी है। आज शुक्रवार से नहाए खाए के साथ छठ व्रत की आरंभ हुई। ऐसे में लोगों ने पहले से ही खरीदारी के साथ पर्व की तैयारी प्रारम्भ कर दी है। जिससे न केवल उन्हें भीड़ से राहत मिल सके बल्कि पूजन में प्रयुक्त होने वाली एक-एक सामग्री समय से एकत्र कर सके। बाजारों में दुकान सज कर तैयार हो गए हैं। छठ पूजा के लिए फलों और सब्जियों की खरीदारी के लिए लोग बाजारों में पहुंच रहे हैं।
बाजारों में इन सामानों की है खूब मांग
गोरखपुर महानगर के गोलघर, असुरन, घंटाघर, मोहद्दीपुर, राप्ती नगर, धर्मशाला बाजार, आर्य नगर, सूरजकुंड सहित कई जगहों पर छठ पूजा के बाजार सज के तैयार हो गए हैं। लोग बाजारों में छठ पर्व के सामानों को खरीदने के लिए मोलभाव करते दिख रहे। बाजारों में फलों और सब्जियों के साथ-साथ दिया, कोसी, ढकनी की खरीदारी भी कर रहे हैं। बाजारों में कुछ छोटे दुकानदार आसपास के गांव से ताजी हरी हल्दी, अदरक और पानी फल यानी सिंघाड़ा लेकर आए हैं। पत्ते वाली गाजर और मूली की भी बिक्री हो रही है। गोरखपुर के बगल के जिले कुशीनगर, महाराजगंज से सर्वाधिक सामग्री आई है। केले की आवक खड्डा कुशीनगर और कैंपियरगंज से हो रही है।
कटिहार और छपरा के सूप और दउरा से पटा शहर
गोरखपुर के बाजारों कटिहार, बाबा धाम, मऊ और छपरा से आई हुई सूप और दउरा से पटा हुआ है। सूप और दउरा के एक विक्रेता ने कहा कि इस बार बाजारों में अधिक सूप वी दउरा वहीं से आए हैं। पीतल के सूप खरीदने के बाद भी कई लोग इस्तेमाल के लिए बांस की कामाची से तैयार सूप की खरीदारी करते हैं। व्यवसायी के मुताबिक पीतल का सूप 600 से लेकर 1100 रुपए प्रति किलो की रेट से बिक रहा है। ज्यादातर पीतल और कांसा का बर्तन मिर्जापुर और मुरादाबाद से आता है।
सूप और दउरा का बाजारों में भाव
सूप–70 से 100 रुपए प्रति पीस
दउरा –150 से 250 रुपए प्रति पीस
दोहरी बुनाई वाला दउरा- 250 से 550 रुपए प्रति पीस
टोकरी -140 से 250 रुपए प्रति पीस
पीतल का सूप–550 से 1100 रुपए किलो
कोसी–150 से ढाई सौ रुपए प्रति पीस।
बाजारों में फलों की फुटकर भाव
- नारियल 40 रुपए प्रति पीस
- केला 50 रुपए दर्जन
- नारियल 40 रुपए प्रति पीस
- गाना 40 से 50 रुपए जोड़ा
- सेब 100 से 120 रुपए प्रति किलो
- संतरा 90 से 100 रुपए प्रति किलो
- अनार 160 से 200 रुपए प्रति किलो
- गागल नींबू 35 से 40 रुपए प्रति पीस
- सिंघाड़ा 40 रुपए प्रति किलो
- शरीफा 80 से 100 रुपए प्रति किलो
- अनानास 40 से 50 रुपए प्रति पीस
- नाशपाती 100 रुपए प्रति किलो
- मौसमी 40 से 50 रुपए प्रति किलो
- अमरख 20 रुपए जोड़ा
- सुथनी 80 रुपए किलो
- बेर 70 रुपए प्रति किलो
- हल्दी 100 रुपए किलो
- अदरक 100 रुपए किलो
नगर निगम की जीरो वेस्ट त्योहार के रूप में छठ मनाने की तैयारी
गोरखपुर नगर निगम प्रशासन छठ महापर्व को जीरो वेस्ट त्योहार के रूप में मनाने की तैयारी कर रहा है। जिसको लेकर नगर निगम प्रशासन ने लगभग तैयारी पूरी कर ली है। नगर निगम इसको लेकर घाटों पर श्रद्धालुओं को सतर्क करने के साथ ही वहां कूड़े के लिए जगह-जगह डस्टबिन रखने की प्रबंध कर रहा है। घाटों की लगातार सफाई के लिए पर्याप्त संख्या में नगर निगम सफाई कर्मचारी भी तैनात करेगा। गोरखपुर नगर निगम महानगर के सबसे भीड़ वाले स्थान पर विशेष ध्यान देने की तैयारी कर रहा है। महानगर के गोरखनाथ घाट, रामघाट, राजघाट, गोरखनाथ मंदिर के भीम सरोवर, सूरजकुंड धाम सरोवर, मानसरोवर रामलीला मैदान अंधियारी बाग, आदि किनारे के घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इकट्ठा होती है।