बिहार

पढ़ाई के बाद नौकरी नहीं.. लोन लेकर शुरू किया बिजनेस, अब कमा रहे लाखों रूपये सलाना

अमूमन युवा वर्ग जहां पढ़ाई समाप्त करने के बाद जॉब की तलाश में लग जाते हैं साथ ही जॉब पाने के पीछे अपना बहुमूल्य जीवन भी खपा देते हैं इसके उलट कुछ ऐसे भी युवा हैं, जो पढ़ाई समाप्त करने के बाद जॉब की तलाश करने के बजाय स्वयं का धंधा प्रारम्भ करने में लग जाते हैं और सफल भी हो जाते हैं कुछ इसी तरह का उदाहरण बांका जिला के तिल बढ़िया गांव निवासी दिवाकर पंडित पेश कर रहे हैं जो जॉब करने के बजाय स्वयं का रोजगार प्रारम्भ कर दूसरों को काम दे रहे हैं

दिवाकर कुमार ने कहा कि ग्रेजुएशन की पढ़ाई समाप्त करने के बाद पहले स्वयं की एक दुकान ली और उसमें औनलाइन आधार सेंटर प्रारम्भ किया खाली समय में यूट्यूब पर अच्छे व्यवसाय की खोज करना प्रारम्भ कर दिया यूट्यूब पर ही कॉपी या नोटबुक बनाने का आईडिया मिला उन्होंने कहा कि मन में विचार आया कि कॉपी या नोटबुक की फैक्ट्री लगाने पर दूसरों को भी रोजगार मौजूद करा सकते हैं इसके बाद उद्योग विभाग से लोन लेने के लिए आवेदन दिया आवेदन स्वीकृत होने के बाद नोटबुक और कॉपी की फैक्ट्री लगाने के लिए 10 लाख का लोन मिला 2022 में फैक्ट्री डालकर नोटबुक और कॉफी बनाने का काम प्रारम्भ कर दिया इसमें क्षेत्रीय लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं फैक्ट्री में तीन लोग काम करते हैं और तीनों को 8-8 हजार की सैलरी दी जाती है

सालाना 12 लाख से अधिक की हो जाती है कमाई
दिवाकर कुमार ने कहा कि नोटबुक तैयार करने के लिए आधुनिक मशीन लगाई है यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है जिसमें स्ट्रेचिंग मशीन, कटर, वेंडिंग मशीन है उन्होंने कहा कि नोटबुक बनाने के लिए रॉ मटेरियल कोलकाता से मंगवाते हैं प्रतिदिन 8 से 10 हजार कॉपियां तैयार होती है वहीं, कॉपी की मूल्य 10 रुपए से लेकर 50 तक है उन्होंने कहा कि यहां से तैयार प्रोडक्ट को इर्द-गिर्द के बाजार सहित बांका अमरपुर, साहिबगंज सहित कई बाजारों में भेजते हैं जिसे सालाना 12 लाख तक की कमाई हो जाती है

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