बिहार

23 साल के शैलेश को जन्म से ही था पोलियो फिर भी नहीं मानी हार, देश के लिए जीता गोल्ड मेडल

जमुई 23 वर्ष के शैलेश को जब जन्म से ही पोलियो था तो स्वयं उसने और उसके परिवार ने भी नहीं सोचा था कि दोनों के लिए अच्छे दिन आएंगे लेकिन हुआ कुछ ऐसा कि आज हर कोई इस दिव्यांग और उसके जज्बे, दोनों को सलाम कर रहा है बिहार के जमुई जिले के छोटे से गांव इस्लामनगर के एक साधारण किसान परिवार में जन्मे 23 वर्ष का शैलेश जो पोलियो के कारण बचपन से ही एक पैर से दिव्यांग है को नीतीश गवर्नमेंट ने बिहार गवर्नमेंट में सीडीपीओ की जॉब दी है

बचपन से ही दिव्यांग शैलेश ने हौसला और जज्बे के बल पर पहले तो पैरा एथलीट के रूप में राष्ट्र के लिए गोल्ड मेडल जीता इसके बाद अब बिहार गवर्नमेंट का अधिकारी बन गया है बिहार गवर्नमेंट की ‘मेडल लाओ जॉब पाओ’ वाली स्कीम के अनुसार शैलेश कुमार को समाज कल्याण विभाग में सीडीपीओ बनाया गया है पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में शैलेश को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने हाथों से नियुक्ति पत्र दिया

नियुक्ति पत्र लेने के बाद शैलेश अपने घर लौटा जहां माता-पिता का आशीर्वाद लेने के बाद एक नयी दुनिया में कदम रखा शैलेश कुमार को नालंदा में समाज कल्याण विभाग के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मतलब सीडीपीओ बनाया गया है शैलेश कुमार को गवर्नमेंट ने उन आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन को लेकर जिम्मेदारी दी है, जहां से कुपोषण के विरुद्ध लड़ाई लड़ने के लिए योजनाएं चलाई जाती हैं जन्म के साथ ही दाहिने पैर से शैलेश दिव्यांग हैं

शैलेश कुमार के बारे में उसके घर वालों ने भी नहीं सोचा था कि एक दिन वह सफलता का मिसाल पेश करते हुए दूसरों के लिए प्रेरणा साधन बनेगा पोलियो के कारण दाहिने पैर से कमजोर शैलेश ने उस कमजोरी को ही अपना हथियार बना लिया शारीरिक कमजोरी को भूलाकर वह पहले गांव में ऊंची कूद लगाया करता था, फिर जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में ऊंची कूद लगा कई मेडल जीत चुके शैलेश ने बीते वर्ष चीन के हांगझू में आयोजित पैरा एशियाई गेम में ऊंची कूद में हिंदुस्तान के लिए गोल्ड मेडल हासिल कर अपना और राष्ट्र दोनों का नाम रोशन किया था

इस गोल्ड मेडल के बदौलत बिहार गवर्नमेंट ने सम्मान देते हुए शैलेश को सीडीपीओ बना दिया है अधिकारी बनने के लिए मुख्यमंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र लेने के बाद शैलेश ने नालंदा में सहयोग दिया है इसके बाद वो छुट्टी लेते हुए खेल की दुनिया में और बेहतर करने का कोशिश में जुटेगा शैलेश का लक्ष्य है पैरा ओलंपिक में राष्ट्र के लिए मेडल जीते जिसके लिए अहमदाबाद के गांधीनगर में वह प्रशिक्षण ले रहा है

सीडीपीओ बनाए जाने के बाद शैलेश ने कहा कि उसका लक्ष्य है पैरा ओलंपिक में राष्ट्र के लिए गोल्ड मेडल जीते, इसीलिए वह मेहनत कर रहा है बचपन में जब वह ऊंची कूद लगाता था तब उसे विश्वास नहीं था कि वह इस तरह की सफलता पाएगा लेकिन अभ्यास करते-करते, जुनून के साथ आगे बढ़ गया कि उसे बेहतर लगा

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