बिहार में भाजपा अपनी 17 सीटों के लिए प्रत्याशी संभवत: कल कर सकता है जारी
सीएम नीतीश विदेश जा रहे, पहले सीट फाइनल करेंगे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ थे तो जून से ही वहां सीट शेयरिंग का फॉर्मूला और दलगत सीट फाइनल करने की मांग कर रहे थे। 28 जनवरी को जब वह वापस एनडीए में आए, तब से यही बताया जा रहा था कि यहां शीघ्र से सीट बंटवारा हो जाएगा। लेकिन, जिस तरह लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दूरी बना रखी है और जैसे दोनों एक-दूसरे के प्रति असहज हैं, सीट बंटवारा फंसना ही था। सीट बंटवारे के कारण ही बीजेपी के विधान परिषद् प्रत्याशी भी तय नहीं हो पा रहे और बिहार का मंत्रिमंडल विस्तार भी अटका है। पीएम मोदी की बेतिया में हो रही सभा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली रवाना हो जाएंगे। वहां से वह इंग्लैंड जाएंगे। इंग्लैंड में नीतीश साइंट सिटी देखने जाएंगे और अप्रवासी हिंदुस्तानियों के कुछ समारोहों में भी शामिल होंगे। नीतीश स्कॉटलैंड भी जाने वाले हैं। इसलिए, इंग्लैंड-स्कॉटलैंड दौरे से पहले वह सीटों पर दिल्ली में निर्णय करने के अंदाज में भी जा रहे हैं।
भाजपा 17 लेगी, जदयू को थोड़ा हानि संभव
भारतीय जनता पार्टी की कोर कमिटी की मंगलवार रात हुई बैठक के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने स्पष्ट रूप से बोला कि वह अपनी 17 सीटों पर विमर्श करने बैठे हैं। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री, लोकसभा-राज्यसभा सांसद, विधानसभा अध्यक्ष और कुछ विधायक भी थे। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 17 सीटों पर प्रत्याशी दिए थे और सभी पर जीत हासिल की थी। इसलिए, वह इस बार भी 17 सीटों को लेकर कहीं संशय में नहीं है। शेष बची 23 सीटों में से पिछली बार जनता दल यूनाईटेड ने 17 और लोक जनशक्ति पार्टी ने छह पर प्रत्याशी दिए थे। लोजपा के सभी छह जीते थे, जबकि जदयू को एक सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। इस बार राजग में लोजपा के दो टुकड़े हैं। एक टुकड़े के अधिकारी सांसद चिराग पासवान हैं और दूसरे के उत्तरदायी केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस। दोनों अपनी सीटों की गिनती भिन्न-भिन्न कर रहे। हाजीपुर सीट को लेकर दोनों में विवाद भी है। दोनों को एक साथ मानकर बीजेपी लोजपा को कितनी सीट देगी, यह उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा और जीतन राम मांझी के दल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर की जिद या सहूलियत पर निर्भर होगा। कुशवाहा केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, इसलिए वह अपने लिए एक सीट लेकर संतुष्ट होते हुए विधानसभा के लिए डील कर सकते हैं। इसी तरह, जीतन राम मांझी के बेटे विधान परिषद् में जा चुके हैं तो वह अपने लिए एक सीट या गवर्नर जैसे पद की बात पर डील कर लें तो चौंकाने वाली बात नहीं होगी। ऐसे में जदयू को जीती 16 सीटें देकर लोजपा को वही छह सीटें मिल सकती हैं।