प्राइवेट नौकरी के साथ की UPSC की तैयारी
IAS Annapurna Singh. पिछले दिनों यूपीएससी 2023 के रिज़ल्ट घोषित हुए थे। इस नतीजे में बिहार की बेटी अन्नपूर्णा सिंह ने 99वीं रैंक हासिल किया था। आज उनकी इस उपलब्धि पर बांका जिले की लाहोरिया गांव में उत्सव का माहौल है। इस गांव में ही नहीं पूरे क्षेत्र में अन्नपूर्णा सिंह पहली लड़की बन गईं हैं, जिसने आईएस परीक्षा पास की है। इससे पूरे क्षेत्र के लोग फूले नहीं समा रहे हैं। अन्नपूर्णा सिंह की इस सफलता पर उसके माता-पिता भी काफी खुश हैं। अन्नपूर्णा के पिता की मानें तो वह बचपन से ही पढ़ने में बहुत मेहनती थीं। अन्नपूर्णा सिंह ने भी अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता और शुभचिंतकों को दिया है।
अन्नपूर्णा सिंह अपने मां-बाप की इकलौती बेटी हैं। मीडिया हिंदी के साथ वार्ता में अन्नपूर्णा सिंह कहती हैं, ‘ईश्वर की बड़ी कृपा है कि मैं आज यूपीएससी में सिलेक्ट हुई हूं। मुझे ये आशा नहीं थी कि मेरा रैंक 100 के अंदर आएगा, लेकिन मेरे शुभचिंतकों को भरोसा था कि रैंक अच्छा आएगा। पिछले वर्ष भी मेरा इग्जाम अच्छा गया था, लेकिन परिणाम अच्छा नहीं हो पाया। यूपीएससी के बारे में आप कुछ भी नहीं कह सकते, जबतक आप पास न कर जाएं। इस बार भी परिणाम को लेकर पहले से काफी अधिक परेशान थी, लेकिन अब काफी अच्छा लग रहा है। देखिए, मैंने यूपीएससी की तैयारी के लिए किसी भी तरह का ऑफलाइन कोचिंग नहीं लिया है। कोविड के दौरान मैंने कुछ सब्जेक्ट की औनलाइन कोचिंग ली थी। हां, साक्षात्कार के समय मैंने मॉक साक्षात्कार के लिए कोचिंग ली थी।’
किसान की बेटी बनी आईएएस
अन्नपूर्णा आगे कहती हैं, ‘इस कामयाबी में सबसे अधिक सपोर्ट मेरे मम्मी-पापा का ही रहा है। क्योंकि, मेरे माता-पिता की मेरी तैयारियों में भी काफी इन्वॉल्व रहते थे। मेरे दोस्तों ने तो कहना प्रारम्भ कर दिया कि तुम अपने मम्मी पापा पर ही अब पुस्तक लिख दो। इस परीक्षा में मां-बाप का मानसिक और भावनात्मक सपोर्ट नहीं मिलता तो शायद मैं क्रेक नहीं कर पाता। देखिए यूपीएससी एक ऐसा इग्जाम है, जिसमें आपको हर तरह का सपोर्ट नहीं मिलेगा तो आप मन से तैयारी कर नहीं पाएंगे। इसलिए, दूसरों को लेकर बोलना चाहता हूं कि कभी भी पेसेंस मत लूज होने दीजिए और ईमानदारी से तैयारी करेंगे तो कामयाबी जरूर मिलेगी।
अन्नपूर्णा के पिता मुकेश सिंह अपनी बिटिया की कामयाबी का उत्सव इंकार रहे हैं। मुकेश सिंह मीडिया हिंदी के साथ वार्ता में कहते हैं, अन्नपूर्णा बचपन से ही मेधावी रही है। अन्नपूर्णा ने स्कूलिंग पटना से हुई है और बीटेक करने बेंगलुरु चली गई। बेंगलुरु में भी इनका कैंपस सिलेक्शन हो गया और दुनिया की अच्छी कंपनियों में से एक Intel में जॉब लग गई। इंटेल में भी अन्नपर्णा हाईटेक जोन में काम कर रही थीं।
मुकेश सिंह आगे कहते हैं, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मोडर्न 5जी चीप पर काम कर रही थीं। कोविड के दौरान जब घर आई तो मुझसे बोला कि पापा मुझे सिविल सर्विसेज देने की ख़्वाहिश है क्या मैं दूं? इस पर मैंने बोला बेटा जरूर दो। शुरुआती दो कोशिश में चयन नहीं हो सका। लेकिन, तीसरे अटेंप्ट में वह संभल गई। हालांकि, एक संबंध में कम नंबर आने पर इसका चयन नहीं हो सका।’