बिहार

धान लगाने के पहले इन बीजों की कर दें बुआई

फसलों में अंधाधूंध रासायनिक उवर्रकों का छिड़काव जमीन की उर्वरा शक्ति को क्षीण करता हीं है, साथ हीं मानव शरीर पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता है खासकर यूरिया खाद के इस्तेमाल का चलन अधिक बढ़ गया है इससे उपज क्षमता तो बढ़ जाती है, लेकिन मिट्‌टी को बर्वाद करने का भी सबसे बड़ा कारक बन रहा हे ऐसे में यदि आप अपने खेतों में यूरिया खाद के प्रयोग से बचना चाहते हैं तो हरी खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं

हरी खाद के लिए सबसे बेहतर विकल्प ढैंचा की खेती है ढैंचा का बीज बाजार में 90 रूपए प्रति किलो के हिसाब बिकता है वहीं आप बिहार राज्य बीज निगम के वेबसाइट के माध्यम से औनलाइन आवेदन करते हैं, तो आप इसे अनुदानित रेट पर मात्र  12.60 रूपए प्रति किलो की रेट पर प्राप्त कर सकते हैं ढैंचा का बीज आपको किसान भवन में सरलता से मौजूद हो जाएगा

बीज के लिए किसानों को करना होगा औनलाइन आवेदन 

कृषि समन्वयक संजीव कुमार ने कहा कि किसान चाहे तो बिहार राज्य बीज निगम के ऑफिसियल वेबसाइट पर स्वयं से औनलाइन कर सकते हैं या पंचायत स्तर के कृषि सलाहकार और कृषि कोऑर्डिनेटर से औनलाइन आवेदन करवा सकते हैं यदि आपका सफलतापूर्वक औनलाइन आवेदन हो जाता है तो आपके मोबाइल पर स्वीकृति मिलने के बाद डिमांड नंबर भेजा जाता है डिमांड नंबर लेकर कृषि कार्यालय पहुंचना होगा और  कृषि कार्यालय में कार्य पदाधिकारी को डिमांड नंबर दिखाना होगा इसके बाद आपको 90 रूपए प्रति किलो के हिसाब से मिलने वाला बीज अनुदानित मूल्य पर 12.60 रूपए प्रति किलो में मिल जाएगा

यूरिया खाद के प्रयोग को रोकना है मुख्य उद्देश्य 

कृषि समन्वयक संजीव कुमार ने कहा कि ढैंचा के प्रति किलो के हिसाब से किसानों  को 77. 40 रूपए आपको सब्सिडी के तौर पर दिया जा रहा है गवर्नमेंट का यह उद्देश्य है कि किसान यूरिया खाद का अधिक प्रयोग ना करे खेत की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए हरी खाद के लिए ढैंचा की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है यदि किसान चाहे तो स्वयं से बिहार राज्य बीज निगम के वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइनकर सकते हैं आवेदन करने की प्रक्रिया बहुत सरल है

Related Articles

Back to top button