बिहार

देश एवं समुदायों में विघटन व विभाजन करने वाले व्यक्ति को पीएम बनने का नहीं है नैतिक अधिकार :लालू प्रसाद

दूसरे चरण के चुनाव के बाद से बिहार में पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर लगातार धावा बोल रहे हैं. अब तक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पीएम नरेंद्र मोदी औ एनडीए गवर्नमेंट पर निशाना साध रहे थे. अब राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पूरी तरह एक्टिव हो चुके हैं. उन्होंने सीधे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पर ही धावा बोला. तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लालू प्रसाद ने बोला कि जो पीएम लोकतांत्रिक मूल्यों, लोकलाज, मर्यादा और पद की गरिमा त्याग तथा संविधान को दरकिनार कर स्वयं जनता के बीच झूठ, भ्रम और नफरत फैला समाज से न्याय, सौहार्द, बराबरी और भाईचारे को खत्म कर राष्ट्र एवं समुदायों में विघटन और विभाजन पैदा करने पर उतारू हो तो ऐसे आदमी को एक क्षण भी पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है.

जनता इस चुनाव में कड़ा सबक सिखायेगी

 

लालू प्रसाद ने बोला कि हमारे महान राष्ट्र एवं न्यायप्रिय समाज ने ना कभी ऐसी विभाजनकारी सोच को बर्दाश्त किया है और ना ही करेगा. यह गांधी, फुले, कलाम, अंबेडकर, लोहिया, जेपी और कर्पूरी का राष्ट्र है. कुर्सी के लिए इस महान राष्ट्र एवं बाबा साहेब के संविधान की बलि चढ़ाने की मंशा रखने वाले ऐसे लोगों को जनता इस चुनाव में कड़ा सबक सिखायेगी.

देश के सबसे पवित्र ग्रंथ संविधान से नफ़रत क्यों है?

 

इतना ही नहीं इससे पहले पूर्व सीएम लालू प्रसाद ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी से प्रश्न भी पूछा था. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि भारतीय जनता पार्टी, मोदी गवर्नमेंट और बीजेपी के नेताओं को बाबा साहब अंबेडकर द्वारा रचित राष्ट्र के सबसे पवित्र ग्रंथ संविधान से नफ़रत क्यों है?  मोदी गवर्नमेंट दलितों, पिछड़ों, वंचितों और गरीबों का आरक्षण, नौकरी, लोकतंत्र और संविधान क्यों खत्म करना चाहती है? उत्तर दें?

सिर्फ मामले को भटकाने का काम करते हैं यह लोग

 

एक दिन पहले तेजस्वी यादव ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए बोला कि वह मुद्दे की बात नहीं करते हैं. सिर्फ़ हिन्दू, मुस्लिम, मंदिर और मस्जिद की बात करते हैं. तेजस्वी यादव ने इल्जाम लगाया कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी आरक्षण काटने की बात जो वह कह रहे हैं. आप ही बताइए क्या कोई किसी को आरक्षण काट कर दिया है क्या आज तक? यह मामले की बात नहीं करके केवल मामले को भटकाने का काम करते हैं.

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