ग्रामीण नेताओं से खफा होकर मतदान के बहिष्कार की तैयारी में…
गोपालगंज. बिहार में पहले चरण के चुनाव में कम मतदान के बाद निर्वाचन विभाग आने वाले चरणों में मतदान फीसदी बढ़ाने को लेकर लोगों को सतर्क करने में जुटा है.
वहीं, गोपालगंज जिले के मशानथाना गांव के ग्रामीण नेताओं से खफा होकर मतदान के बहिष्कार की तैयारी कर रहे हैं. इसकी सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन सजग हुआ है और मतदाताओं की कम्पलेन दूर करने के कोशिश किए जा रहे हैं.
मशानथाना गांव में ग्रामीण मतदाताओं की कम्पलेन है कि यहां सारण तटबंध की मरम्मत का काम नहीं हो पाया है. ब्रिटिश काल में गंडक नदी की त्रासदी से बचाने के लिए सारण तटबंध बना था. लेकिन, इसके मरम्मत का काम आज तक नहीं किया गया. इस पर सड़क नहीं बनी, जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में काफी कठिनाई होती है.
ग्रामीण कामेश्वर और नथुनी पांडेय कहते हैं कि इसकी कम्पलेन जनप्रतिनिधियों से कई बार की गई है, लेकिन, कोई कारगर पहल नहीं की गयी. चुनाव के समय नेता आते हैं और वादे करके चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं. ग्रामीणों ने इस चुनाव में नेताओं को गांव में प्रवेश देने पर रोक लगा दी है.
ग्रामीण गांव में लोगों से मतदान नहीं करने की अपील भी कर रहे हैं. गांव में इससे संबंधित पोस्टर भी लगाए गए हैं. ये गांव सदर विधानसभा के भीतर आता है और निवर्तमान सांसद डाक्टर आलोक कुमार सुमन का गृह पंचायत है.
गोपालगंज के जिलाधिकारी मोहम्मद मकसूद आलम ने बोला कि इस मुद्दे के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने सदर अनुमंडल अधिकारी को गांव में जाकर ग्रामीणों की कम्पलेन को दूर करने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने बोला कि यह चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है और सभी की भागीदारी महत्वपूर्ण है. सभी लोगों को वोट देना चाहिए. यदि प्रत्याशी पसंद नहीं हैं तो नोटा का विकल्प उपस्थित है.
गोपालगंज में छठे चरण में लोकसभा का चुनाव है. यहां 29 अप्रैल से नामांकन प्रारम्भ होगा और 25 मई को मतदान है.