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कोर्ट के इस फैसले से नीतीश सरकार अब प्रदेश में करा सकेगी जातिगत जनगणना

नयी दिल्ली बिहार (Bihar) से मिली बड़ी समाचार के अनुसार, यहां  में जाति आधारित जनगणना को रोकने के लिए दाखिल याचिका को आज पटना HC (Patna High Court) ने खारिज कर दिया है. वहीं न्यायालय के इस निर्णय के साथ ही नीतीश गवर्नमेंट अब प्रदेश में जातिगत जनगणना करवा सकेगी. पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की पीठ अपना जरूरी निर्णय सुनाया है.

जी हां आज पटना HC ने बिहार में जाति आधारित गणना के राज्य गवर्नमेंट के निर्णय को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं. मुद्दे में मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली पीठ का निर्णय आने के बाद न्यायालय के बाहर पत्रकारों से मुखातिब याचिकाकर्ताओं के वकील दीनू कुमार ने बोला कि वह आदेश के विरुद्ध अब उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.

वकील कुमार ने बताया, “पीठ ने खुली न्यायालय में बोला कि वह सभी याचिकाओं को खारिज कर रही है.” उन्होंने कहा, “हमें अभी इस आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है. निर्णय देखने के बाद ही हम कुछ और कह सकेंगे. बेशक, निर्णय का तात्पर्य यह है कि राज्य गवर्नमेंट सर्वेक्षण कर सकती है. हालांकि, हम इस निर्णय के विरुद्ध अब उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.

जानकारी हो कि, जाति आधारित जनगणना प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए पांच भिन्न-भिन्न याचिका HC में दाखिल की गई थी, जिसपर न्यायालय कई दिनों तक सुनवाई की थी और अपने निर्णय को सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले पटना HC के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की पीठ ने एक साथ 5 याचिकाओं पर सुनवाई की थी और सुनवाई पूरी होने के बाद इस पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था. लेकिन आज अपने निर्णय में HC ने बिहार में जाति आधारित गणना के राज्य गवर्नमेंट के निर्णय को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं है.

 

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