अब इस सब्जी से झोपड़ी में कमाएं लाखों रुपए
वर्तमान समय में बड़े पैमाने पर मशरूम उत्पादन योजना पर काम चल रहा है। मशरूम के बीज मौजूद कराने के अतिरिक्त डाक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि यूनिवर्सिटी द्वारा किसानों को प्रशिक्षण की सुविधा भी देने की तैयारी कर ली है। यदि आप मशरूम उत्पादन करने की सोच रहे हैं, तो यह समाचार आपके लिए लाभ वाला साबित होगी। किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्हें अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद भी बीज भी मौजूद होगा। इसके लिए किसानों को कुछ प्रोसेस अपनाना होगा।
यहां करना होगा रजिस्ट्रेशन
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले इच्छुक किसानों को डाक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि यूनिवर्सिटी पूसा के ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर औनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। औनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाले किसानों को जब प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा तो उससे पहले उन्हें सूचना भी वेबसाइट के माध्यम से दे दिया जाता है। दिन के हिसाब से प्रशिक्षण ग्रहण करने वाले को रजिस्ट्रेशन चार्ज भी जमा करना होता है।
क्या कहते हैं डायरेक्टर रिसर्च
डॉ। राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर रिसर्च एके सिंह ने वार्ता के दौरान कहा कि पिछले 5-6 साल पहले मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में राष्ट्र में बिहार तीसरा जगह पर था। लेकिन चिकित्सक राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि यूनिवर्सिटी से प्रशिक्षण प्राप्त कर किसानों की वजह से पूरे राष्ट्र में बिहार मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम जगह पर पहुंच गया है। वर्तमान में बिहार में प्रतिवर्ष 32000 टन मशरूम का उत्पादन हो रहा है।
मशरूम उत्पादन के बढ़ावा देने के लिए डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि यूनिवर्सिटी द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाता है। इच्छुक किसानों को इसके लिए चिकित्सक राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि यूनिवर्सिटी के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर औनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। वेबसाइट समय-समय पर चेक करना होगा। वेबसाइट प्रशिक्षण का शेड्यूल डाल दिया जाता है। वैसे किसान जिनके पास जमीन नहीं है और झोपड़ी नुमा घर है, वह भी प्रशिक्षण प्राप्त कर लाखों रुपए का इनकम साल कर सकते हैं।