एक बार फिर देश के अंदर एंट्री करने को तैयार है ये कार
फॉक्सवैगन की पोलो हैचबैक एक बार फिर राष्ट्र के अंदर एंट्री करने को तैयार है. फॉक्सवैगन एनुअल ब्रांड कॉन्फ्रेंस 2024 में कंपनी के ब्रांड डायरेक्टर आशीष गुप्ता ने इसके फिर से लौटन की बात कही. उन्होंने कहा कि अभी इसे लॉन्च करने की योजना नहीं है, लेकिन फ्यूचर में इसे फिर से लाने की आसार है. पोलो को SUV या इलेक्ट्रिक कार के तौर पर लाया जा सकता है. पोलो की उसके मूल मॉडल के साथ वापसी नहीं होगी. फॉक्सवैगन ने हिंदुस्तान में अपनी 2.0 रणनीति में परिवर्तन किया है. बता दें कि 2010 में लॉन्च हुई पोलो हिंदुस्तान में फॉक्सवैगन की सबसे अधिक बिकने वाली कार थी. हालांकि, बढ़ते कॉम्पटीशन और इसकी घटती डिमांड के चलते 2022 में बंद कर दिया गया.
भारत में भले ही पोलो 5वीं जनरेशन से आगे नहीं बढ़ पाई, लेकिन इंटरनेशन बाजार में इसकी 6वीं जनरेशन भी आ गई. फॉक्सवैगन वर्तमान में हैवी लोकलाइजेशन MQB-A0-IN प्लेटफॉर्म पर फोकस कर रहा है, जो ताइगुन और वर्टूस को रेखांकित करता है. फॉक्सवैगन ब्राजील जैसे उभरते बाजारों के लिए 6वीं जनरेशन के पोलो के लिए एक समान प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करती है. चुनिंदा इंटरनेशनल बाजार में 6वीं जनरेशन की पोलो वर्टूस के तौर में बिक्री पर है. कुछ बाजारों में पोलो सेडान के तौर पर वर्टूस भी बिक्री पर है.
फॉक्सवैगन पोलो के फीचर्स और स्पेसिफिकेशंस
भारत में पोलो को 3 इंजन ऑप्शन में पेश किया था. इसमें 3 सिलेंडर इंजन के साथ 1.0 लीटर पेट्रोल, 1.2 लीटर और 1.5 लीटर डीजल इंजन शामिल थे. इसका 1.0 लीटर पेट्रोल इंजन 108.6 बीएचपी की अधिकतम पावर के साथ 175 एनएम का पीक टॉर्क जनरेट करता है. ये कार मैनुअल और ऑटोमेटिक दोनों तरह के ट्रांसमिशन के साथ आती थी. पेट्रोल वर्जन में ये कार 15Km/l का माइलेज देती है.
इसके फीचर्स की बात करें तो ये अपने टाइम की सबसे एडवांस्ड फीचर्स वाली कार थी. इसमें ऑटो एयर-कॉन, सभी चार विंडो के लिए वन-टच कंट्रोल, क्रूज कंट्रोल, रेन-सेंसिंग वाइपर, रियर पार्किंग सेंसर, डुअल-फ्रंट एयरबैग और ABS और फॉक्सवैगन कनेक्ट जैसे फीचर्स मिलते थे. इसका टचस्क्रीन एपल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो को भी सपोर्ट करता था. हिंदुस्तान में इसका मुकाबाल हुंडई i10, मारुति स्विफ्ट जैसी कारों से होता था.