राष्ट्रपति के आंगन से जब हेलीकॉप्टर हुआ चोरी, तब एजेंसियां रह गईं हैरान और फिर…
आपने बाइक-कार, और यहां तक बस चोरी होते हुए सुना होगा। लेकिन एक शख्स ने हेलीकॉप्टर चुरा लिया। वह भी कड़ी सुरक्षा वाले राष्ट्रपति के आंगन से। जैसे ही यह समाचार फैली। बवाल मच गया। खुफिया एजेंसियों के हाथ पांव खड़े हो गए। एजेंसियां किसी शत्रु मुल्क के हमले का अंदेशा जताने ही वाली थीं कि खुलासा हो गया। फिर जो हुआ उसकी कल्पना भी आप नहीं कर सकते। दंग मत होइए, यह घटना आज से 50 वर्ष पहले अमेरिका में घटी थी।
मेट्रो की रिपोर्ट के मुताबिक, 17 फरवरी 1974 की आधी रात के बाद वाशिंगटन डीसी की सड़कों पर लोग घूम रहे थे। तभी अपने सिर के ऊपर एक हेलीकॉप्टर घातक रूप से उड़ते हुए देखा। यह लिंकन मेमोरियल और वाशिंगटन स्मारक के आसपास मंडरा रहा था। यह देखते ही पुलिस टीम उसके पीछे लग गई। गोपनीय सर्विस पीछा करने लगी। दो हेलीकॉप्टरों को लगाया। पुलिस की गाड़ियां जमीन पर चल रही थीं। सबको लगा कि शायद शत्रु मुल्क ने धावा कर दिया है। लेकिन यह कोई विदेशी दुश्मन नहीं था, जो राजधानी के केंद्र में आतंक फैला रहा था। यह रॉबर्ट के प्रेस्टन था, एक असंतुष्ट अमेरिकी सैनिक। जो केवल 20 वर्ष का था।
दरअसल, दो वर्ष पहले 1972 में फ्लोरिडा के रहने वाले रॉबर्ट को भर्ती किया गया था। उसे सपना दिखाया गया था कि वियतनाम में युद्ध के दौरान उसे पायलट बनाया जाएगा। वह उस दल का हिस्सा होगा, जो घायल सैनिकों को युद्ध के मैदान से दूर ले जाएंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उसकी उम्मीदों पर पानी तब फिर गया जब तकनीकी प्रशिक्षण में उसे फेल बता दिया गया। बाद में उसे मैरीलैंड के फोर्ट मीड भेज दिया गया, जहां उसे एक हेलीकॉप्टर मैकेनिक के रूप में काम करना पड़ा।
प्रेस्टन की सारी योजनाएं धरी की धरी रह गईं
प्रेस्टन की सारी योजनाएं धरी की धरी रह गईं। वह सेना से नाराज था। उसकी प्रेमिका ने साथ छोड़ दिया था, जिसकी वजह से भी वह उदास रहता था। लेकिन वह जानता था कि वह किसी समय प्लेन उड़ा सकता है। क्योंकि सैन्य बेस पर वह बेल यूएच -1 बी ह्युई हेलीकॉप्टर में बैठ चुका था। उसे चलाते हुए देख चुका था। बाद में जब उस पर केस चला तो उसने सेना न्यायाधीश कर्नल केनेथ हॉवर्ड को जो कहा वह और भी दंग करने वाला था। प्रेस्टन ने कहा, मैं सचमुच आश्चर्यचकित था। मैंने सोचा कि वहां कोई होगा। जो मुझे रोकेगा, लेकिन किसी ने मुझे नहीं रोका। मैं राष्ट्रपति भवन के आंगन में गया। हेलीकॉप्टर को उड़ान के लिए तैयार किया और फिर सरलता से उड़ान भरी। हर कोई बस इधर-उधर खड़ा होकर देखता रहा।
सीक्रेट सर्विस ने गोलीबारी प्रारम्भ कर दी
जैसे ही प्रेस्टन नीचे आया, गोपनीय सर्विस ने गोलीबारी प्रारम्भ कर दी। हेलीकॉप्टर ह्युई पर बंदूकों और स्वचालित हथियारों से लगभग 300 गोलियां चलाई गईं, जिनमें से कुछ प्रेस्टन के पैरों में जाकर लगीं। फिर भी, वह इमारत के दक्षिणी हिस्से से 100 गज की दूरी पर उतरने में सफल रहा। दरवाजा खोलकर, प्रेस्टन बिना कोई और झटका झेले हेलीकॉप्टर के नीचे उतरने में सफल रहा। जब उसे पूछताछ के लिए व्हाइट हाउस में ले जाया गया, तो उसने पूछा कि क्या वह राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन से बात कर सकते हैं। हालांकि, जब उससे बोला गया कि राष्ट्रपति बाहर हैं, तो वह मान गया। उपचार के बाद उसका कोर्ट-मार्शल हुआ। प्रारम्भ में उसपर राष्ट्रपति की मर्डर का कोशिश करने का इल्जाम लगाया गया, लेकिन बाद में शांतिभग का गुनेहगार ठहराया गया। केवल छह महीने कारावास की सजा सुनाई गई। 2009 में 55 साल की उम्र में कैंसर से उसकी मौत हो गई।