वायरल

वैज्ञानिकों ने इजात किया मंगल ग्रह पर पानी लाने का तरीका

Life On Mars Planet: मंगल ग्रह वर्तमान स्थिति में तो आदमी के रहने लायक नहीं है उसे मानव के अनुकूल बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक सैद्धांतिक प्रस्ताव दिया है वे चाहते हैं कि मंगल को गर्म किया जाए ताकि ग्रह का वायुमंडल मोटा हो सके इससे ग्लेशियर पिघलेंगे और जीवन को चलाने के लिए पानी मौजूद होगा रिसर्चर्स का दावा है कि ऐसा मंगल की जमीन पर मिलने वाले तत्वों से बने धातु के नैनोरॉड्स की सहायता से किया जा सकता है

Images 65 11zon

कंप्यूटर सिमुलेशनों के सहारे, वैज्ञानिकों ने दिखाया है कि यह रणनीति बाकियों के मुकाबले 5,000 गुना कारगर साबित हो सकती है अभी तक मंगल ग्रह को गर्म करने के लिए ग्रीनहाउस गैसों का सहारा लेने पर फोकस रहा है लेकिन उस प्लान की खामी यह है कि मंगल ग्रह पर ग्रीनहाउस गैसें बनाने के लिए सामग्री बहुत कम और दूर-दूर तक मौजूद नहीं है

मंगल को गर्म करने का नया प्लान क्या है?

Science Advances जर्नल में छपी स्टडी में रिसर्चर्स ने एक नयी रणनीति सामने रखी है इसके मुताबिक, मंगल पर मिलने वाले लोहे और एल्युमिनियम से बनी 9 माइक्रोमीटर लंबी छड़ों का एरोसोलीकरण किया जा सकता है इन छडों का आकार मंगल ग्रह की धूल के समान हैं, लेकिन उनके भौतिक गुणों के कारण उन्हें ग्रह की सतह पर वापस आने में 10 गुना अधिक समय लगेगा

एक-डायमेंशन वाले कंप्यूटर सिमुलेशन के नतीजे दिखाते हैं कि ये छड़ें मंगल तक पहुंचने वाले सूर्य के प्रकाश को बढ़ाने तथा धरती की गर्मी को बाहर निकलने से रोकने में कारगर थीं 10 वर्ष के टाइम में, प्रति सेकंड 30 लीटर नैनोरॉड्स के लगातार उत्सर्जन से ग्रह का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा, जिससे बर्फ पिघल जाएगी वायुमंडलीय दबाव में इजाफे के चलते के फीडबैक लूप बनेगा, जिससे कुछ महीनों के भीतर तापमान में और बढ़ोत्तरी हो सकता है

ग्रह को पर्याप्त गर्म होने में कितना टाइम लगेगा?

रिसर्चर्स के मुताबिक, ‘मंगल की एक-तिहाई सतह पर उथली गहराई में H2O दबा हुआ है, लेकिन वर्तमान में यह जीवन के लिए बहुत ठंडा है‘ लेकिन इस प्रक्रिया में अभी भी सदियां लग जाएंगी और यह भी गारंटी नहीं है कि इससे मानव जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा होंगी

Related Articles

Back to top button