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Donkey Route of Russia : रशियन से शादी, जॉब का वादा, महंगी पड़ी विदेश जाने की चाहत, पढ़ें रूस से लौटे 2 भाइयों की दर्द भरी कहानी

Donkey Route of Russia: रूस (Russia) भेजने, वहां की लड़कियों से विवाह कराने और काम दिलाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. ऐसा एक मुद्दा हरियाणा के करनाल से सामने आया है. दरअसल, करनाल में रहने वाले दो चचेरे भाइयों से एजेंट ने वादा किया था कि यदि रूस जाओगे तो वहां नौकरी दिला देंगे. रूसी स्त्री से विवाह भी करा देंगे. इण्डिया से कहीं अधिक पैसा कमाओगे. लेकिन जब दोनों भाई वहां पहुंचे तो उनके सामने रूस की आर्मी में भर्ती होने की शर्त रखी गई. रूस का पासपोर्ट बनवाने का लालच दिया गया. जब वे नहीं माने तो उन्हें खूब पीटा गया. 15 दिन तक खाना भी नहीं दिया गया. आइए जानते हैं कि ये पूरा मुद्दा क्या है. इसका खुलासा कैसे हुआ.

मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, करनाल में रहने वाले दो चचेरे भाइयों मुकेश और सन्नी का सपना था कि विदेश जाएं, खूब पैसे कमाए और अपने आपको खुशहाल देखें. इसलिए दोनों ने विदेश जाने का रास्ता अपनाया. दोनों एजेंट से मिले. एजेंट ने इन्हें वर्क परमिट दिलाने का भरोसा दिया. लेकिन जब ये गए तो उन्हें वर्क परमिट नहीं बल्कि डंकी रूट पर छोड़ दिया. डंकी रूट मतलब गैरकानूनी ढंग से बिना वैध डॉक्यूमेंट्स के दूसरे देस में प्रवेश कराया.

डंकी रूट पर कैसे फंसे मुकेश और सन्नी?

पहले मुकेश काम के मकसद से सितंबर में रूस गया तो सन्नी ने जर्मनी जाने के लिए दिसंबर में निकला. दोनों ने एजेंट को पैसे दिए. एजेंट फ्लाइट कैंसिल होने का बहाना बनाकर उन्हें थाईलैंड ले गए और बोला यहां से आगे तुम्हें भेजा जाएगा. लेकिन इसके बाद वहां पर डॉन्कर्स का कहर इनके ऊपर देखने को मिला. इनके साथ करीब 250 बच्चे और थे जो मुसीबत में पड़ चुके थे. डॉन्कर्स उन्हें मारते थे, पीटते थे और पैसे की डिमांड करते थे. खाना खाने को नहीं देते थे.

10-10 लाख की फिरौती वसूली

इतना ही नहीं मुकेश और सन्नी बताते हैं कि चाकू गले पर रखकर घर पर टेलीफोन करवाया जाता था कि और पैसे भिजवाओ. दोनों ने अपने घर से 10-10 लाख रुपये भिजवाए. ये पैसे परिवार वालों ने जमीन और मवेशी बेचकर जुटाए. वहीं, इसके बाद इन्हें डॉन्कर्स रूस और बेलारूस के बॉर्डर तक छोड़ गए. यहां पर दोनों की मुसीबत समाप्त नहीं हुई , वास्तविक मुसीबत तो अब प्रारम्भ होने वाली थी.

आर्मी में भर्ती होने को किया मजबूर

रूस और बेलारूस के बॉर्डर पर दोनों को बाकी साथियों के साथ रूस की पुलिस अरैस्ट कर लेती है और फिर दोनों और पकड़े गए लड़कों के साथ कारावास में डाल दिया जाता है. वहां पर भी खाने को पूरा खाना नहीं दिया जाता है. जिसके चलते दोनों की तबीयत भी बिगड़ने लगती है. परिवार से धीरे-धीरे दोनों का संपर्क हो रहा था. इसी बीच रूस की आर्मी की एंट्री होती है, दोनों को बोला जाता है कि कॉन्ट्रैक्ट साइन करो. जिसमें वो आर्मी में भर्ती हो रहे हैं यदि नहीं करेंगे तो फिर 10 वर्ष की सजा काटनी पड़ेगी.

रूसी पासपोर्ट बनवाने का लालच

इतना ही नहीं दोनों को ये भी लालच दिया गया कि उनका रेड पासपोर्ट बनवा दिया जाएगा. उन्हें और सुविधाएं भी दी जाएंगी. जिसके बाद दोनों ने परिवार से संपर्क किया. दोनों ने कॉन्ट्रैक्ट साइन करने से इंकार कर दिया और उसके बाद वकील किया गया. वकील ने मुकदमा लड़ा और इस मुकदमा के बाद दोनों लड़के अब ठीक सुरक्षित अपने परिवार के बीच पहुंच गए हैं. परिवार वालों ने राहत की सांस ली है.

मां, पिता और परिवार के बाकी लोगों के लिए कठिन की घड़ी थी, लेकिन अब थोड़ी राहत है. एक तरफ मुकेश को जहां 35 लाख रुपये के आसपास हानि हुआ है तो वहीं सन्नी के भी 25 से 30 लाख रुपये लग गए हैं. इन दोनों की स्थिति को देखकर तो यही सीखना चाहिए कि डंकी के जरिए कभी भी किसी राष्ट्र में नहीं जाना चाहिए क्योंकि ये बचकर तो आ गए पर ऐसे कई लोग हैं जो घर वापस नहीं आ पाए हैं.

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