कई कहानियां ऐसी होती है जिनको पढ़कर आप अंदर तक हिल जाते हैं। ऐसी ही कहानी इस दूल्हे की है जो 29 साल का है और 67 साल की दुल्हन से विवाह नहीं, बल्कि पुनर्विवाह करने जा रहा है। अब आप भी सोच रहेंगे होंगे कि ऐसा क्यों? यदि वह 29 वर्ष की उम्र में दोबारा विवाह करने जा रहा है तो उसकी पहली विवाह कितने वर्ष की उम्र में हुई थी। इस विवाह में एक चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें दोनों के बेटा-बेटी, बहू के अतिरिक्त नाती-पोते भी शामिल होंगे। यह जानकार तो आप सच में असमंजस में पड़ गए होंगे कि असल में इस दिलचस्प कहानी में उम्र का क्या खेला है?
एक विवाह जिसमें बच्चे अपने मां-बाप की विवाह में शामिल होंगे और यह विवाह नहीं बल्कि पुनर्विवाह है। यह पुनर्विवाह उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हो रहा है और इस विवाह के दूल्हे लाल बिहारी की कहानी आपने पहले भी कई बार कई लोगों के मुंह से सुनी होगी। लाल बिहारी बहुत वर्षों तक मृतक रहने के बाद कागजों में जिंदा हुए हैं। मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक वह सरकारी दस्तावेजों में 30 जुलाई 1976 से लेकर 30 जून 1994 तक मृत रहे। प्रशासन से एक लंबी लड़ाई के बाद वह दस्तावेजों में दोबारा से जिंदा हुए। लाल बिहारी को जिंदा तो कर दिया गया लेकिन उनके मरने वाली फाइल को गायब कर दिया गया।
लाल बिहारी ने दस्तावेजों में अपने आप को जिंदा करने के लिए 47 वर्ष तक लड़ाई और उनकी उम्र 69 की हो चुकी है लेकिन लाल बिहारी स्वयं को तब से जिंदा मान रहे है जब से वह सरकारी कागजों में जीवित हुए इसलिए वह अपनी उम्र 29 वर्ष बता रहे हैं। लाल बिहारी अपने मुताबिक मानी गई 29 वर्ष की उम्र में एक बार फिर विवाह कर रहे हैं और यह विवाह वह अपनी 67 साल उम्र की पत्नी के साथ कर रहे हैं।
लाल बिहारी साल 1988 में इलाहाबाद सीट पर हुए उपचुनाव में पूर्व पीएम वीपी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। इतना ही नहीं लाल बिहार पूर्व पीएम राजीव गांधी के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं।