कनाडा में भारत के वीज़ा एप्लिकेशन सेंटर ने कनाडाई लोगों के लिए वीज़ा सेवाएं की निलंबित
खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर को लेकर हिंदुस्तान और कनाडा के बीच तनाव बढ़ रहा है। कनाडा में हिंदुस्तान के वीज़ा एप्लिकेशन सेंटर ने गुरुवार को कनाडाई लोगों के लिए वीज़ा सेवाएं निलंबित कर दीं।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरंदिम बागची ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोला कि कनाडा में हमारी राजनयिक इकाई को धमकियां मिल रही हैं। वे अपना काम नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह है कि वीजा सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- हम लंबे समय से जानते हैं कि पाक आतंकवाद का समर्थक है और उन्हें पैसे भी देता है। वहीं, कनाडा आतंकवादियों को रहने और उनके मंसूबों को अंजाम देने के लिए स्थान दे रहा है। नीचे पढ़ें विदेश मंत्रालय के बयान के बारे में 8 अहम बातें…
कनाडा के इल्जाम राजनीति से प्रेरित हैं। कनाडा ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस सबूत नहीं दिया है। हमने उनसे सबूत देने को बोला है।’
भारत ने कनाडा से लगातार बोला है कि उनके राष्ट्र में हिंदुस्तान विरोधी गतिविधियां हो रही हैं। हालांकि उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
हमने कनाडा को साफ कर दिया है कि दोनों राष्ट्रों में राजनयिकों की संख्या बराबर होनी चाहिए। वियना कन्वेंशन के अनुसार यह महत्वपूर्ण है।
ये सच है कि जी-20 के दौरान ट्रूडो ने मोदी के सामने नाइजर की मर्डर का मामला उठाया था। हमारे पीएम ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।
हमने ई-वीजा प्रक्रिया को भी अभी पूरी तरह से रोक दिया है।’
हमने कनाडा से बोला है कि भगोड़े अपराधियों को मुनासिब प्रक्रिया के अनुसार हिंदुस्तान लाया जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार यह जरूरी है।
कुछ लोग विद्यार्थी वीजा और सुरक्षा को लेकर प्रश्न उठा रहे हैं। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि वे हमारे नागरिक हैं और उनकी सुरक्षा कनाडा की जिम्मेदारी है।
ऐसे करीब 20 लोग हैं जिनके बारे में हमने कनाडा को सबूत दिए हैं और बोला है कि उन्हें हिंदुस्तान को सौंप दिया जाए। यह संख्या 25 भी हो सकती है।
भारत ने एडवाइजरी में सावधान रहने को बोला है
इससे पहले, हिंदुस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कनाडा में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की। इसमें बोला गया है कि कनाडा में चल रही हिंदुस्तान विरोधी गतिविधियों को देखते हुए कनाडा में रहने वाले या यात्रा करने वाले नागरिकों को बहुत सावधान रहने की राय दी गई है।
एडवाइजरी में बोला गया है कि- हाल के दिनों में यह देखा गया है कि कनाडा में उपस्थित भारतीय राजनयिकों और भारतीय समुदाय के कुछ वर्गों को धमकी दी जा रही है। ये वो लोग हैं जो हिंदुस्तान विरोधी एजेंडे का विरोध करते हैं। कनाडा में बिगड़ते सुरक्षा हालात को देखते हुए वहां उपस्थित भारतीय विद्यार्थियों को अतिरिक्त सावधान रहने की राय दी गई है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने बोला कि भारतीय समुदाय और विद्यार्थी उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास की वेबसाइटों पर कम्पलेन दर्ज कर सकते हैं। मंगलवार को कनाडा ने भी अपने नागरिकों को हिंदुस्तान के कुछ हिस्सों में न जाने की राय दी।
कनाडा में पन्नू की धमकी पर एक हिंदू संगठन ने ट्रूडो गवर्नमेंट को पत्र लिखा है
दूसरी ओर, खालिस्तान आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बुधवार को कनाडा में रहने वाले हिंदुओं को राष्ट्र छोड़ने की धमकी दी। इस संबंध में कनाडाई हिंदुओं ने जस्टिन ट्रूडो गवर्नमेंट को पत्र लिखा है। पत्र में पन्नू के बयानों पर चिंता व्यक्त की गई है और इसे घृणा क्राइम घोषित करने की अपील की गई है।
कनाडाई हिंदू संगठन ‘हिंदू फोरम कनाडा’ ने सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक को यह पत्र लिखा है। हिंदू संगठन ने अपने पत्र में कहा- पन्नू ने अपने और अपने खालिस्तानी सहयोगियों के विचारों को साफ रूप से व्यक्त किया है। वे ऐसे लोगों को निशाना बनाना चाहते हैं जो उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हैं। कनाडा गवर्नमेंट को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।
पत्र में यह भी पूछा गया कि क्या पन्नू के बयान को अब भी अभिव्यक्ति की आजादी माना जाएगा।
ट्रूडो का नया बयान- नहीं बढ़ाना चाहते तनाव
जैसा कि टोरंटो स्टार ने 19 सितंबर को रिपोर्ट किया था, कनाडा के प्रधान मंत्री का रुख नरम होता दिखाई दिया। कनाडा के सबसे बड़े अखबार ‘टोरंटो स्टार’ ने मंगलवार रात ट्रूडो का बयान प्रकाशित किया। इसमें बोला गया कि कनाडा गवर्नमेंट हिंदुस्तान के साथ तनाव नहीं बढ़ाना चाहती, लेकिन हिंदुस्तान को इन मुद्दों को गंभीरता से लेना होगा।
कनाडाई गवर्नमेंट के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर न्यूयॉर्क टाइम्स को कहा कि निज्जर सिंह की मर्डर की जानकारी कई राष्ट्रों की सहायता से इकट्ठा की गई थी। जांच पूरी होने के बाद इस संबंध में पूरी जानकारी दी जाएगी। आपको बता दें कि कनाडा फाइव आईज नामक खुफिया गठबंधन का हिस्सा है। इसमें कनाडा के अतिरिक्त अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं।
पहले बोला गया था कि इससे हिंदुस्तान पर जांच के लिए दबाव बनेगा
इससे पहले ट्रूडो ने सांसदों से बोला था कि कनाडा की धरती पर एक नागरिक की मर्डर में विदेशी गवर्नमेंट का शामिल होना हमारे राष्ट्र की संप्रभुता का उल्लंघन है। हम हिंदुस्तान गवर्नमेंट पर इस मर्डर की जांच में योगदान के लिए दबाव डालेंगे।
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा- कनाडा में रहने वाली भारतीय मूल के सिखों की बड़ी जनसंख्या इस मर्डर से गुस्से से भरी है। कई सिख अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। राष्ट्र में भारतीय मूल के लगभग 18 लाख नागरिक हैं, जिनमें से कई सिख हैं। कनाडा की विपक्षी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह सिख समुदाय से आते हैं।
भारत ने कहा- कनाडा के इल्जाम बेतुके हैं
भारत ने कनाडा की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा- कनाडा के सभी इल्जाम बेतुके। कनाडा के पीएम ने हमारे पीएम मोदी पर ऐसे ही इल्जाम लगाए और उन्हें सिरे से नकार दिया गया।
इस तरह के आधारहीन इल्जाम खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान भटकाने की प्रयास है। उन्हें कनाडा में शरण दी गई है और वे हिंदुस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा हैं। इधर समाचार यह भी आई कि विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जयशंकर ने पीएम को पूरे मुद्दे की जानकारी दी है।
कनाडा में एक वर्ष में 15 हिंदुस्तान विरोधी घटनाएं, एक भी गिरफ्तारी नहीं
कनाडाई हिंदुस्तानियों का बोलना है कि ट्रूडो का इल्जाम हास्यास्पद है। पिछले एक वर्ष में कनाडा में 15 हिंदुस्तान विरोधी घटनाएं हुई हैं। इसमें 9 सीटें, खालिस्तान के समर्थन में 2 जनमत संग्रह और 4 मंदिरों पर हमले शामिल हैं। ट्रूडो गवर्नमेंट ने मुद्दे में एक भी गिरफ्तारी नहीं की है।
ब्रैम्पटन के अक्षय गर्ग और ओंटारियो के एटोबिकोक के अश्विनी शर्मा का बोलना है कि यहां हिंदुस्तान विरोधी घटनाओं के वीडियो नियमित रूप से पुलिस को सौंपे जाते हैं, लेकिन पुलिस को कभी कोई संदिग्ध नहीं मिलता। कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन खालिस्तानी निज्जर की मर्डर के तीन महीने के भीतर कनाडा के पास अहम सुराग हैं… यह कैसे हुआ?
ओंटारियो के एक सिख पुरुष बलजीत (बदला हुआ नाम) का बोलना है कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय को शर्मसार करती हैं। कनाडा की जस्टिन ट्रूडो गवर्नमेंट हाथ पर हाथ धरे बैठी है और आंखें मूंदे हुए है।
भारतीय विदेश मंत्रालय का बोलना है कि कनाडाई पीएम ट्रूडो खालिस्तानी आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाई न करके मामले से ध्यान भटका रहे हैं। ट्रूडो गवर्नमेंट लंबे समय से कनाडा में हिंदुस्तान विरोधी आंदोलनों का खुलकर समर्थन करती रही है।
पंजाब में पैदा हुआ आतंकवादी निज्जर, यहां फैलाना चाहता था आतंक
निज्जर पंजाब के जालंधर के भार सिंह पुरा गांव का रहने वाला था। गांव के सरपंच राम लाल ने कहा कि निज्जर 1992 में कनाडा गया था। वह खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था। वह भारतीय एजेंसियों की मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में शामिल था।
एनआईए ने 40 आतंकवादियों की सूची जारी की, जिसमें निज्जर का नाम भी शामिल है। उन्होंने ब्रैम्पटन में खालिस्तान के पक्ष में जनमत संग्रह कराने में भी किरदार निभाई। पुलिस ने 23 जनवरी 2015 को लुकआउट नोटिस और 14 मार्च 2016 को निज्जर के विरुद्ध रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
जिसमें उसके प्रत्यर्पण की मांग की गई थी। निज्जर के विरुद्ध कनाडा में 10 लाख रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था।
कनाडा में, निज्जर प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी बन गया। पन्नू और निज्जर की नजदीकियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि निज्जर की मर्डर के बाद पन्नू गुस्साए है और हिंदुस्तान के विरुद्ध और खालिस्तान के समर्थन में कनाडा में जनमत संग्रह की मांग कर रहा है।
कनाडा में खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर का मुद्दा अब हिंदुस्तान और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव का रूप ले चुका है। दोनों राष्ट्रों ने एक दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। अपने-अपने नागरिकों को एक एडवाइजरी भी जारी की गई है।
कनाडा और हिंदुस्तान के बीच तनाव के बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 11 गैंगस्टर-आतंकवादियों की तस्वीरों के साथ उनकी सूची जारी की है। जो हिंदुस्तान में क्राइम करने के बाद कनाडा में शरण ले रहे हैं। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम गैंगस्टर गोल्डी बरार का है, जिसने प्रसिद्ध पंजाबी सिंगर सिद्धू मूजवाला की मर्डर की थी। इसके बाद कारावास में बंद गैंगस्टर लॉरेंस का भाई अनमोल बिश्नोई दूसरा है। इसके अतिरिक्त एनआईए ने अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श दल्ला, दरमन सिंह काहलों, लखबीर सिंह, दिनेश शर्मा उर्फ गांधी, नीरज उर्फ पंडित, गुरपिंदर, सुखदुल, गौरव पटियाल उर्फ सौरभ गैंगस्टर दलेर सिंह की फोटोज़ जारी की हैं।
भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह देने वाले कनाडा के साथ हिंदुस्तान के चल रहे टकराव का असर दिखने लगा है। बोट-स्पीकर कंपनी मुंबई ने अपने गानों ‘चेक्स’ और ‘एलिवेटेड’ के लिए प्रसिद्ध कनाडा स्थित पंजाबी गायक शुभनीत उर्फ शुभ का प्रायोजन रद्द कर दिया है। गायक शुभ ने 23 सितंबर से 25 सितंबर तक मुंबई में परफॉर्म किया।
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानियों ने 12 अगस्त की देर रात लक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की और उसके मुख्य द्वार पर अपने पोस्टर चिपका दिए। पीएम मोदी ने अप्रैल 2015 में इस मंदिर में प्रार्थना की थी।
पोस्टर में खालिस्तान नेता हरदीप सिंह निज्जर की भी तस्वीर है। पोस्टर में मांग की गई है कि कनाडा नाइजर की मर्डर में हिंदुस्तान की किरदार की जांच करे। गवर्नमेंट ने निज्जर पर 10 लाख रुपये का पुरस्कार भी रखा था।
खालिस्तानियों के निशाने पर भारतीय राजनयिक: निज्जर की मर्डर से स्तब्ध; ‘किल इंडिया’ का पोस्टर रिलीज
भारत के मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप निज्जर के कनाडा में मारे जाने के बाद खालिस्तानी समर्थकों में खौफ है। खालिस्तानी समर्थकों ने कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में जगह-जगह किल इण्डिया शीर्षक से पोस्टर लगाना प्रारम्भ कर दिया है।
जिसे सोशल मीडिया पर भी वायरल किया जा रहा है। जबकि इस पोस्टर में 8 जुलाई को एक ‘स्वतंत्रता रैली’ की सूचना दी गई थी, लेकिन इसमें नाइजर की मर्डर के लिए दूतावास के ऑफिसरों को गुनेहगार ठहराया गया था। उत्तरदायी बताया।