इस कुख्यात जेल में महिलाएं जीतीं नरक की जिंदगी,शरीर नोचते हैं पुरुष गार्ड

आपने दुनिया की अनेक कुख्यात जेलों के बारे में सुना होगा। कहीं कैदी ही एक दूसरे को मारकर खा जाते हैं तो कहीं घुटने पर चौबीसों घंटे बिताने पड़ते हैं। पर आज हम आपको ईरान की एक खूंखार कारागार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आपकी रूह कांप उठेगी। ऐसी कारागार जहां कैदियों के मृत शरीर पंखों की तरह लटके रहते हैं। स्त्रियों को नरक से भी बदतर जीवन बितानी पड़ती है। सात महीने तक इस कारागार में बिताने के बाद एक महिला बाहर आईं और उन्होंने जो खुलासा किया वह दंग कर देने वाला है।
मर्ज़िया अमीरिज़ादेह (Marziyeh Amirizadeh)नाम की इस महिला को 2009 में तेहरान की एविन कारागार में डाल दिया गया था। आरोप लगा था कि वह ईसाई धर्म का पालन करती हैं। सात महीने तक कारागार में बिताने के बाद जब वह बाहर आईं और इस टॉर्चर हाउस के बारे में जो खुलासा किया वह डरा देने वाला है। मर्ज़िया ने बताया कि कुछ दिनों पहले संयुक्त राष्ट्र के लोग ईरानी जेलों पर रिसर्च करने पहुंचे थे। तब एक अच्छा वार्ड बना दिया गया। कुछ कैदी बिठा दिए गए। बाकी वार्डों के दरवाजे बंद कर दिए गए। हमने शोर मचाया लेकिन किसी ने हमारी आवाज नहीं सुनी। मैं तो स्तब्ध रह गई। हाथ-पांव सुन्न हो गए। मुझे नहीं पता था कि हो क्या रहा है।
महिला कैदियों की पिटाई
इसी बीच एक दिन पुरुष गार्ड महिला वार्ड की तलाशी लेने आए और उन्होंने पीटना प्रारम्भ कर दिया। हम महिला कैदियों के सिसकने की आवाज सुन सकते थे। बाद में उन्हें कारागार की आंगन में निकालकर पीटा गया। स्त्रियों पर पुरुष हमला करें यह शरिया कानून के विरूद्ध है, लेकिन वहां हर कोई इतना डरा हुआ था कि कोई कुछ बोल नहीं सका। हम लोगों के सामने ही एक शख्स की हत्या कर दी गई। कैदियों को विवश किया गया कि वे देखें कि कत्ल कैसे किया जा रहा।
शरीर नोचते हैं पुरुष गार्ड
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, मर्ज़िया अमीरिज़ादेह ने बताया कि एक महिला को क्लिनिक में जॉब की पेशकश की गई लेकिन बाद में पता चला कि उसके साथ ज्यादती की गई। पुरुष गार्ड उसके शरीर को प्रतिदिन नोचते थे। मेरी एक दोस्त की आंखों पर पट्टी बांधकर उसे पूछताछ के लिए ले जाया गया लेकिन जब वह वापस आई तो कांप रही थी। क्योंकि जहां उससे पूछताछ की गई वहां पंखों की तरह कैदियों की डेड बॉडी लटकी हुई थी। एक कमरे में 15 से ज्यादा लोग रखे जाते थे। खटमल, कॉकरोच, चूहे और सड़ा हुआ खाना। यही कैदियों को नसीब होता था।