बेटे ने जमा किए थे पत्थर, मां को उसमें नजर आ गई इंसानी हड्डी, फिर…
अमेरिका के एरिज़ोना में 22 वर्ष पहले एक बच्चा रहता था। उसे पत्थर जुटाने का शौक था। ये शौक और कई टुकड़े अपने दादा से विरासत में मिले थे। एक दिन उसकी मां ने उसके पत्थरों के कलेक्शन में बड़ी ही विचित्र चीज देख ली। उसे इंसानी हड्डी का छोटा टुकड़ा दिख गया, जिसे उसका बेटा पत्थर माने बैठा था। जैसे ही मां ने वो हड्डी (Human Jaw Bone USA) देखी, उसने फौरन पुलिस को टेलीफोन किया और इसके बारे में सूचना दी। पुलिस ने कहा कि उन्हें वो हड्डी मिली, जिसमें कुछ दांत लगे थे। उससे उन्हें पता चला कि वो जबड़े की हड्डी है। उसके बाद जो जांच प्रारम्भ हुई, उसके नतीजे अब जाकर सामने आए हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक जेनटिक जियोलॉजी की सहायता से हड्डी (Bone found in stones) के बारे में पता लगाया गया है। न्यूजर्सी के रैंपो कॉलेज के इन्वेस्टिगेटिव जेनेटिक जीनलॉजी सेंटर ने पुलिस की छानबीन में सहायता की। उन्होंने डीएनए की सहायता से खोज लिया कि वो हड्डी किसकी है। तो चलिए आपको भी इस पूरे मुद्दे के बारे में बताते हैं, कि डीएनए जांच से क्या पता चला।
सैनिक की थी हड्डी
2002 में जब ये हड्डी मिली, तभी से ये जांच प्रारम्भ हो गई थी। अब इस वर्ष पता लगा है कि वो अमेरिका के पूर्व मरीन कॉर्प्स कैप्टेन एवलेट लेलैंड यैगर की है जिसकी मृत्यु 1951 में 30 वर्ष की उम्र में ट्रेनिंग करते हुए कैलिफोर्निया में हो गई थी। माना जाता है कि उसके बाद अस्थियों को मिसूरी में दफनाया गया था। रैंपो कॉलेज द्वारा जारी नीचे दिए मैप से आप समझ सकते हैं कि ये हड्डी कहां मिली, सैनिक की मृत्यु कहां हुई और उसे दफनाया कहां गया था। वैज्ञानिकों को इस बात की आश्चर्य हुई कि 1000 किलोमीटर दूर वो हड्डी कैसे मिली। वैज्ञानिकों का अंदाजा है कि हड्डी को कोई पक्षी अपने साथ एक स्थान से दूसरी स्थान ले गया होगा।
इस तरह चला हड्डी का पता
जब पुलिस को कुछ भी जांच में नहीं मिला तो उन्होंने और यावापाई काउंटी मेडिकल एग्जामिनर ने इस मुकदमा को जनवरी 2023 में इन्वेस्टिगेटिव जेनेटिक जीनलॉजी सेंटर को रिफर कर दिया था। हड्डी को सॉल्ट लेक सिटी, उटाह भेजा गया था, जहां एडवांस डीएनए जेनोटाइपिंग की सहायता से एक प्रोफाइल बनाया गया और इसे दो जिनोलॉजी डेटाबेस में अपलोड किया गया। इसके बाद डेटाबेस में छानबीन की गई और उसकी सहायता से पता चला कि हड्डी किसकी है। मार्च 2024 में शख्स की बेटी के डीएनए से हड्डी के डीएनए को मैच किया गया। तब जाकर सच सामने आया।