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बरेली के नवादा में काँवड़ यात्रा के रूट को लेकर बढ़ता जा रहा विवाद

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के जोगी नवादा में काँवड़ यात्रा के रूट को लेकर टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार (30 जुलाई 2023) को जिस रास्ते से काँवड़ यात्रा निकलने वाली थी, उस पर मुसलमान महिलाएं धरना देकर बैठ गईं और रास्ता अवरुद्ध कर दिया. प्रशासन की अनेक कोशिशों के बावजूद ये महिलाएं रास्ते से नहीं हटीं. वहीं, काँवड़ियों पर लाठी चार्ज करने के बाद ही स्त्रियों का धरना समाप्त हुआ. फ़िलहाल, मौके पर भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात किया गया है. वहीं, काँवड़ियों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आईपीएस प्रभाकर चौधरी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया गया है और SHO तथा चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मुद्दा बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा क्षेत्र का है. यहाँ गुंसाई गौटिया नामक एक क्षेत्र से पिछले सप्ताह निकली काँवड़ यात्रा पर मुसलमान समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया था. इस अफरातफरी के बीच पुलिस ने काँवड़ियों पर लाठीचार्ज कर दिया था. सोमवार (31 जुलाई) से इसी रास्ते से फिर काँवड़ यात्री, भोलेनाथ को जल अर्पित करने के लिए जाने वाले थे. इस बीच मुसलमान समुदाय की महिलाएं रविवार को काँवड़ यात्रा के मार्ग पर धरना देकर बैठ गईं और रास्ता बंद कर दिया. मुद्दे की समाचार पुलिस को हुई, तो वो मौके पर पहुँची. धरना दे रहीं स्त्रियों को समझाने का बहुत कोशिश किया गया, लेकिन वो टस से मस नहीं हुईं.

महिलाओं के धरना-प्रदर्शन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में हिजाब पहने स्त्रियों का एक समूह सड़क पर बैठ कर नारेबाजी करते हुए नज़र आ रहा है. स्त्रियों के पीछे कुछ नाबालिग बच्चे और पुरुष खड़े हुए हैं. इसी दौरान मौके पर रैपिड एक्शन फ़ोर्स (RAF) भी तैनात नज़र आ रही है. धरना दे रहीं स्त्रियों ने धमकी दी कि वो उस रास्ते से काँवड़ यात्रा नहीं निकलने देंगीं.

बताया जा रहा है कि काँवड़ यात्री भी इस बात को ले कर अड़े हुए थे कि वो पहले से निर्धारित किए गए यात्रा के मार्ग में अब कोई बदलाव नहीं करेंगे. कुछ देर के बाद पुलिस ने काँवड़ियों पर लाठीचार्ज कर दिया. जिसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई. आखिरकार काँवड़ यात्रा भी इस बार उस मार्ग से नहीं निकल सकी, जहाँ मुसलमान स्त्रियों ने धरना दिया गया था. काँवड़ियों पर लाठीचार्ज करने के बाद मुसलमान स्त्रियों ने अपना धरना खत्म कर दिया. कहा जा रहा है कि, शाननूरी मस्जिद इस टकराव की जड़ है. पिछली बार 23 जुलाई 2023 को काँवड़ यात्रा पर हुए पथराव में भी इसी मस्जिद की किरदार सामने आई था. उस समय पुलिस ने सपा (सपा) के नेता उस्मान अल्वी को अरेस्ट किया था, जो माहौल बिगाड़ने की प्रयास कर रहे थे और लोगों को भड़का रहे थे.

बता दें कि पुलिस द्वारा काँवड़ यात्रियों पर किए गए लाठीचार्ज का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. वायरल वीडियो में भाग रहे काँवड़ यात्रियों को उत्तर प्रदेश पुलिस दौड़ा-दौड़ाकर पीटती नज़र आ रही थी. मुद्दा संज्ञान में आने के बाद बरेली पुलिस के SSP प्रभाकर चौधरी को हटा कर लखनऊ PAC में ट्रांसफर कर दिया गया है. वहीं लाठीचार्ज में शामिल SHO इंस्पेक्टर अभिषेक सिंह और सब इंस्पेक्टर अमित कुमार पर निलंबन की कार्रवाई हुई है. अभी जिले में नए SSP आईपीएस धुले सतीश चंद्रभान को चार्ज सौंपा गया है.

मीडिया से बात करते बरेली के हिन्दू संगठन से जुड़े पदाधिकारी हिमांशु पटेल ने जानकारी दी है कि 23 जुलाई को हुए पथराव में पुलिस ने सिर्फ़ 2 लोगों को पकड़ कर खानापूर्ति कर ली थी, इसलिए विद्रोहियों के हौसले इतने बढ़ गए. उन्होंने काँवड़ियों को ‘आतंकी’ बताने वाली बरेली पुलिस DSP दीपशिखा पर भी कार्रवाई न होने पर आश्चर्य जाहिर की. हिमांशु ने कहा कि जिस दिन काँवड़ यात्रियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, उस दिन 3000 मुसलमान भी धारा 144 का उल्लंघन कर के सड़कों पर उतर आए थे. मगर, पुलिस ने एकतरफा हिन्दुओं पर ही कार्रवाई की थी. हिमांशु पटेल ने सड़क कब्ज़ाने वाली मुसलमान स्त्रियों पर कार्रवाई किए जाने की माँग की है.

 

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