फूटी किस्मत ! चोरी के डेबिट कार्ड से जीते 42 करोड़, किस्मत ऐसी…
लोगों को कहते हुए आपने सुना होगा कि भाग्य कोई नहीं चुरा सकता। यदि आपकी किस्मत में कुछ लिखा है, तो वो मिलकर रहेगा। एक शख्स के साथ बिल्कुल ऐसा ही हुआ, जिसे जानकर आप कहेंगे, अच्छा हुआ। चोरों ने एक शख्स का डेबिट कार्ड चुरा लिया। उसी से लॉटरी का टिकट खरीदा। उन्हें लगा कि यदि जीत जाएंगे तो पैसे उनके खाते में आ जाएंगे। लेकिन किस्मत ऐसी कि फूटी कौड़ी तक उन्हें नहीं मिली और जिस शख्स का डेबिट कार्ड था, वह मालामाल हो गया।
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, बोल्टन के रहने वाले जॉन-रॉस वॉटसन और मार्क गुडराम ने लॉटरी टिकट खरीदने के लिए किसी और के बैंक कार्ड का इस्तेमाल किया। लेकिन जब नतीजा आया, तो खुशी से नाचने लगे। दोनों ने 4 मिलियन पाउंड यानी 42 करोड़ का जैकपॉट जीता था। एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ था, जिसमें वॉटसन को नाचते और कूदते हुए दिखाया गया है। मार्क गुडराम खुशी में काउंटर पर अपनी मुट्ठियां मारता हुआ नजर आता है। लेकिन उनकी यह खुशी पलभर ही काफूर हो गई।
जब लॉटरी के पैसे लेने के लिए दावा ठोका
जब मार्क गुडराम ने लॉटरी के पैसे लेने के लिए दावा ठोका, तो जांच में मुद्दा कुछ और ही निकला। पता चला कि उसके पास तो कोई बैंक खाता ही नहीं। जब बैंक खाता ही नहीं, तो उसने जिस बैंक कार्ड से टिकट खरीदा, आखिर वो किसका था? इसके बाद ही लॉटरी अधिकाारयों को उस पर संदेह हुआ और जांच प्रारम्भ की गई। जांच में गुडराम ने कहा कि टिकट खरीदने के लिए उसने जिस कार्ड का इस्तेमाल किया था, वह जॉन नाम के एक दोस्त का था। जॉन के पास उसका पैसा बकाया था, इसलिए उसने कार्ड ले लिया था। इसीलिए जब वह टिकट खरीद रहा था, तो जॉन का नाम नहीं बताया।
जांच में और भी सनसनीखेज खुलासा
मगर जांच में और भी घटनाक्रम उजागर हुआ। पता चला कि जिस कार्ड से दोनों ने लॉटरी टिकट खरीदे थे, वो तो जॉन का था ही नहीं। वह चोरी किया गया डेबिट कार्ड था, जो वास्तव में जोशुआ नाम के शख्स का था। चोरों ने उसी का प्रयोग कर कार्ड खरीदा। उन्हें विश्वास नहीं था कि वे फंस जाएंगे। बाद में दोनों ने बहुत बवाल काटा, लेकिन वे जानते थे कि गलत थे, इसलिए ज्यादा विरोध नहीं किया। बाद में दोनों को 18-18 महीने की कारावास हो गई। वॉटसन ने कहा, यह बहुत बुरा है। उन्हें हमें भुगतान करना चाहिए। आखिर वह हमारा पैसा है। इस कंपनी ने हमारी जीवन बर्बाद कर दी। लोग हमें लुटेरे कह रहे हैं और हम पर हंस रहे हैं।