नैनीताल: दूल्हा बारात छोड़कर बैठ गया धरने पर, जानें वजह

हल्द्वानी। उत्तराखंड के नैनीताल जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें एक दूल्हा अपनी बारात छोड़कर धरने पर बैठे दिख रहा है। दरअसल हल्द्वानी-हैड़ाखान मार्ग 20 दिन से अधिक समय से बंद पड़ा है। बीते 15 नवंबर को हैड़ाखान सड़क का यह हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आ गया था। कोटाबाग से आई बारात को पतलिया गांव जाना था। 380 मीटर प्रभावित क्षेत्र से वाहनों का निकलना कठिनाई था। जिसके बाद दूल्हे और बारातियों को पैदल ही आगे का रास्ता तय करना पड़ा। वहीं कांग्रेस पार्टी इस सड़क को दुरुस्त करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रही थी। फिर क्या था, दूल्हा भी मार्ग ठीक कराने की मांग को लेकर धरने पर जा बैठा।
मिली जानकारी के अनुसार, कोटाबाग के सिसनी गांव के रहनेवाले राहुल सिंह की विवाह पतलिया गांव में तय हुई। बारात कोटाबाग से निकली और हैड़ाखान में इस स्थान पर आकर रुक गई। जिसके बाद दूल्हे राहुल और बारातियों को पैदल ही यहां से आगे जाना पड़ा।
वहां सड़क ठीक कराने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी नेता धरने पर बैठे थे। इसी बीच दूल्हा अपनी बारात छोड़कर कांग्रेस पार्टी नेताओं के साथ प्रदर्शन करने बैठ गया और सड़क ठीक कराने की मांग करने लगा। राहुल ने बोला कि सड़क खराब होने की वजह से हमें विवश होकर बारात पैदल लेकर जाना पड़ रहा है। सड़क को लेकर कांग्रेस पार्टी के लोग प्रदर्शन कर रहे थे, तो मैंने भी उनके समर्थन में धरना दिया।
कांग्रेस के धरना प्रदर्शन में उत्तराखंड के नेता विपक्ष यशपाल आर्य भी उपस्थित थे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इसका वीडियो शेयर किया है। यशपाल आर्य ने बोला कि इस सड़क का निर्माण कांग्रेस पार्टी कार्यकाल में ही हुआ था और आज यहां की जनता का दुर्भाग्य है कि करीब एक महीने से भूस्खलन की वजह से मार्ग बंद है और गवर्नमेंट इसे दुरुस्त करने के बारे में जरा भी नहीं सोच रही है।
नेता प्रतिपक्ष आर्य ने आगे बोला कि 120 गांवों के सामने स्वास्थ्य सेवाओं और खाद्यान्न का संकट खड़ा हो गया है। गांव से मंडी तक जानेवाली सब्जियां और फल सड़ रहे हैं और गवर्नमेंट सो रही है। उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट वैकल्पिक मार्ग बनाने में भी असफल रही है। यदि जल्द से जल्द इस मार्ग को नहीं खोला गया, तो ग्रामीणों के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी और उग्र आंदोलन करेगी।
आपको बता दें कि हैड़ाखान में यह सड़क ठीक न होने से 120 गांवों का संपर्क शहर से कटा हुआ है। जिसके लिए कई बार गांव के लोग धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। ग्रामीण कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन भी दे चुके हैं, लेकिन प्रशासन का बोलना है कि हम वैकल्पिक मार्ग तलाश कर रहे हैं।