उत्तराखण्ड

बलगम की समस्या को जड़ से खत्म करता हैं ये पौधा

हल्द्वानीअगर आप सांस की रोग से परेशान हैं या आपको खांसी होती है, तो आज हम आपको एक ऐसी औषधीय पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका सेवन करने से आपकी यह परेशानी दूर हो सकती है इसका नाम दमबूटी है और इसका इस्तेमाल करने से आपका सांस संबंधी बीमारी दूर हो सकते हैं दम बूटी एक औषधीय पौधा है, जो बेल के रूप में होता है और इसका काढ़ा बनाकर पीने से या फिर पत्तियों को चबाकर खाने से आपको सांस के रोगों से छुटकारा मिलेगा

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित वन अनुसंधान केंद्र के वन क्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट ने कहा कि दमबूटी का वानस्पतिक नाम सिननिम है हिंदुस्तान भर में यह दमा, कफ और सांस संबंधी रोगों के लिए प्रयोग की जाने वाली बूटी है दमा या अस्थमा के लिए तो इसे अत्यंत उत्तम औषधि माना गया है इसमें उपस्थित अल्कलॉइड इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, जिस कारण यह उन रोगों में भी प्रयोग की जाती है, जहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक करने की जरूरत हो दमबूटी मुख्य रूप से सांस के बीमारी जैसे- ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, राइनाइटिस, हे फीवर, श्वसन तंत्र की एलर्जी और कफ में उपयोगी है इसे घरेलू इलाज की तरह दमा समेत कई रोगों में प्रयोग किया जा सकता है

बलगम की परेशानी को जड़ से करता हैं खत्म
मदन सिंह बिष्ट ने आगे बोला कि दमबूटी का प्रयोग उन सांस रोगों में लाभदायक है, जिनमें खांसी के साथ बलगम भी आता हो यह अपने कफ निस्सारक गुण के कारण अधिक कफ को दूर करता है, इसलिए यदि आपको कफ की अधिक कठिनाई है, सांस लेने में परेशानी है, कफ के कारण बुखार है तो अवश्य इसका प्रयोग करके देखें यह एंटी बैक्टीरियल है, कफ को ढीला करती है और फेफड़ों के इन्फेक्शन को दूर करती है

अधिक मात्रा में प्रयोग से हो सकता है नुकसान
मदन सिंह बिष्ट ने बोला कि दवाई की तरह आप इसके पत्तों को साफ कर चबाकर खा सकते है बड़ों को प्रतिदिन एक पत्ता लेना चाहिए और बच्चों को चौथाई पत्ता दिया जा सकता है अधिक मात्रा में और अधिक दिन तक इसका सेवन हानिकारक है यदि दमबूटी के ताजे पत्ते न मौजूद हों, तो जब पत्ते मिलें तो उन्हें सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर रख लें इस चूर्ण का 250 एमजी से आधा ग्राम की मात्रा तक शहद के साथ सेवन करें हल्द्वानी के रामपुर रोड स्थित वन अनुसंधान केंद्र से इस पौधे को आप ले सकते हैं वन अनुसंधान केंद्र सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के पास है

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