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रोजी-रोटी की तलाश में बिहार से हलद्वानी आए इस इंसान की हुई हिंसा में गई जान

 रोजी-रोटी की तलाश में बिहार से हलद्वानी आए 24 वर्ष के प्रकाश की भी 8 फरवरी को हुई अत्याचार में जान चली गई रविवार को उनका मृतशरीर उनके घर भेजा गया प्रकाश सात फरवरी को ही हल्द्वानी पहुंच गया था इसके ठीक एक दिन बाद उनकी मर्डर कर दी गई उन्हें यहां एक प्राइवेट कंपनी में जॉब प्रारम्भ करनी थी उनके सिर में तीन गोलियां लगी थीं यह बोलना कठिन है कि ये गोलियां पुलिस की थीं या लुटेरों की उनकी डेडबॉडी 3 दिन तक पोस्टमॉर्टम हाउस में रखी रही चौथे दिन उनकी मृत्यु की समाचार उनके परिजनों तक पहुंची इसके बाद रविवार को प्रकाश का परिवार उसका मृतशरीर लेने के लिए बिहार से हल्द्वानी पहुंचा

5 बहनों और एक छोटे भाई की जिम्मेदारी थी

प्रकाश के जीजा अंकित सिंह ने हल्द्वानी पोस्टमॉर्टम हाउस में से बात की अंकित ने कहा कि प्रकाश बिहार के आरा भोजपुर जिले के सिन्हा थाना क्षेत्र के छीने गांव का रहने वाला था परिवार में 70 वर्ष के पिता श्याम देव सिंह, मां इंदु देवी, 5 बहनें नरगिस, मोना, सुरभि, तृप्ति और पिंकी के अतिरिक्त एक छोटा भाई आकाश भी है अंकित कहते हैं- प्रकाश के माता-पिता दोनों बुजुर्ग हो गए हैं खेती भी अधिक नहीं है पिता किसी तरह मेहनत-मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे ऐसे में बड़ा बेटा प्रकाश पिता का बोझ बांटने के लिए बिहार से जॉब की तलाश में गया था वह स्नातक की पढ़ाई कर रहा था उसे हलद्वानी में एक निजी कंपनी में अंशकालिक जॉब मिल गई इसलिए मैं 7 फरवरी को बिहार से हल्द्वानी पहुंचा

आठ फरवरी के बाद से जब टेलीफोन नहीं आया तो परिवार को चिंता हुई

अंकित कहते हैं-हल्द्वानी पहुंचने के बाद प्रकाश ने घर टेलीफोन कर कहा था कि वह हल्द्वानी पहुंच गया है वह यहां अपने रहने की प्रबंध करने में व्यस्त था 8 फरवरी की दोपहर उसने अपनी मां इंदु सिंह को भी टेलीफोन किया था यह उनकी अंतिम कॉल थी इसके बाद से उसका नंबर बंद आ रहा है इधर, जब परिवार को मीडिया के माध्यम से हल्द्वानी में अत्याचार की जानकारी मिली तो उनकी बेचैनी बढ़ने लगी

तीसरे दिन कॉल आई तो पुलिस ने उत्तर दिया

अंकित ने कहा- हम तब से लगातार प्रकाश के नंबर पर कॉल कर रहे थे लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी उनका नंबर नहीं आ रहा था शनिवार रात जब उनके नंबर पर टेलीफोन आया तो कॉल एक पुलिस कर्मी ने रिसीव की पुलिस ने अंकित को कहा कि यह मोबाइल पुलिस को अत्याचार के बाद मिले एक मृतशरीर से मिला था  अंकित ने कहा- पुलिस ने हमसे बोला कि एक बार हल्द्वानी आकर डेडबॉडी की पहचान करो डेडबॉडी को पोस्टमॉर्टम हाउस में रखा गया है इसके बाद प्रकाश का साला अंकित अपने एक दोस्त के साथ हल्द्वानी के लिए निकल गया रविवार सुबह वह हल्द्वानी पहुंचे

प्रकाश अपनी बहनों की विवाह धूमधाम से करना चाहता था

हिंसा में मारे गए प्रकाश के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी वह परिवार का सबसे बड़ा बेटा था अपने सभी कर्तव्यों को पूरा करने के लिए उन्हें घर से मीलों दूर यात्रा करनी पड़ती थी घर से निकलते समय उसने अपनी मां से कहा- मां, अब चिंता मत करो अपना और बाबूजी का ख्याल रखना घर और बहनों की विवाह की चिंता छोड़ो मैं अब कमाना प्रारम्भ करूंगा मैं घर जाकर अपनी बहनों की विवाह की प्रबंध करूंगा’ प्रकाश की 5 बहनों में से बड़ी 3 की विवाह हो चुकी है जबकि उसकी दो छोटी बहनें और एक छोटा भाई अभी अविवाहित हैं प्रकाश भी अविवाहित था और अभी स्नातक की पढ़ाई पूरी कर रहा था

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