6 महीने पहले हुआ था उद्घाटन, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा शारदानाथ घाट
हरिद्वार और ऋषिकेश की तर्ज पर श्रीनगर गढ़वाल में भी गंगा आरती की जाती है। इसके लिए यहां साढ़े 3 करोड की लागत से घाट का निर्माण किया गया था, लेकिन यह घाट एक बारिश में ही क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां शारदानाथ घाट गंगा आरती स्थल के अधिकतर हिस्से में रेत, बजरी भर चुकी है तो वहीं घाट की रेलिंग से लेकर सीढ़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। गंगा आरती समिति के अध्यक्ष प्रेम बल्लभ नैथानी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी और क्षेत्रीय विधायक डाक्टर धन सिंह रावत से क्षतिग्रस्त हुए घाट का सर्वेक्षण कराकर जल्द से जल्द मरम्मत की कार्रवाई की मांग की है।
श्रीनगर गढ़वाल में बीते 15 वर्षों से यहां गंगा आरती की जाती है। लेकिन 2013 आपदा के दौरान यह घाट पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके बाद यहां गंगा आरती में समिति को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है | गंगा आरती समीति की मांग पर यहां भव्य रूप से आधुनिक घाट बनाए जाने को लेकर केन्द्र और प्रदेश गवर्नमेंट की पहल पर 3.5 करोड़ की लागत से शारदानाथ घाट गंगा आरती स्थल का जीर्णोद्धार करवाया गया था। जिसका उद्घाटन फरवरी माह में सूबे के कैबिनेट मंत्री और क्षेत्रीय विधायक डाक्टर धन सिंह रावत द्वारा किया गया था | लेकिन उद्घाटन के मात्र 6 महीनों बाद ही घाट का अधिकतर हिस्सा मानसून की बारिश में टूट गया।
13 अगस्त को फटा था चमोली में बादल
13 अगस्त की रात को चमोली और रूद्रप्रयाग में बादल फटने के कारण 14 अगस्त को अलकनंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। बढ़ते जलस्तर में घाट पूर्णतः जलमग्न हो गया। इस दौरान नदी के बहाव में आए पेड़, मलबा के कारण घाट क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि निगम प्रशासन द्वारा यहां घाट में आए रेत को हटाने का कार्य किया जा रहा है।
पर्वतीय जिलों का पहला आधुनिक घाट
मां गंगा की सबसे सहायक नदी अलकनंदा नदी के तट पर बने शारदा स्नान घाट में ऋषिकेश, हरिद्वार की तर्ज पर रोजाना गंगा आरती होती है। जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग और पर्यटक भी भाग लेते हैं। गंगा आरती समिति के अध्यक्ष प्रेम बल्लभ नैथानी बताते हैं कि गढ़वाल क्षेत्र के पर्वतीय जिलों में यह पहला इस तरह का आधुनिक घाट है जहां गंगा आरती की जाती है। विगत 15 वर्ष से वें लगातार यहां गंगा आरती कर रहे हैं। 2013 आपदा के कारण कुछ समय तक गंगा आरती करने में व्यवधान उत्पन्न हुआ था। लेकिन अब यहां एक बार फिर गंगा आरती सुचारू हो गई है। वें प्रशासन से मांग करते हैं। कि जो क्षति बारिश के कारण पहुंची है उसे ठीक किया जाए।