Nainital Zoo: सबसे हटके है नैनीताल का चिड़ियाघर, ऐसे पहुंचे चिड़ियाघर

नैनीताल। उत्तराखंड का नैनीताल नैसर्गिक सुंदरता से भरपूर है और इसकी सुंदरता में चार चांद लगाती है यहां की झील, जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग यहां पहुंचते हैं और नौकायन का लुत्फ उठाते हैं। यहां की सुंदर वादियों के दीदार के लिए काफी संख्या में पर्यटक नैनीताल आते हैं। वैसे तो नैनीताल में कई पर्यटन स्थल हैं लेकिन यहां का चिड़ियाघर (Nainital Zoo) कुछ अलग है। समुद्र तल से करीब 2100 मीटर की ऊंचाई पर शेर का डंडा पहाड़ी पर स्थित यह एक हाई एल्टीट्यूड जू है। यहां आपको भिन्न-भिन्न पशु-पक्षी देखने को मिलेंगे।
नैनीताल में 1984 से इस चिड़ियाघर को स्थापित करने की कवायद प्रारम्भ कर दी गई थी। जिसके बाद 1 जून 1995 को इसे पर्यटकों के लिए खोला गया। करीब 11 एकड़ में हरी भरी वादियों में फैला यह जू बहुत खूबसूरत है। यहां विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों के साथ ही अलग प्रजाति की वनस्पतियां भी उपस्थित हैं, जिनमें ‘ओक’ प्रजाति के बांज और तिलौंज, बुरांश, अयार और मेहल मुख्य हैं।
जीबी पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान के जू रेंजर अजय रावत बताते हैं कि यह जू 1984 में बनना प्रारम्भ हुआ और 1 जून 1995 को इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था। उन्होंने आगे बताया कि जब इसकी स्थापना की गई, तब यहां तेंदुआ, हिमालयन ब्लैक बीयर, काकड़, घुरड़ और भेड़िया रखे गए थे। जिसके बाद धीरे धीरे जानवरों का कुनबा बढ़ा और आज यहां कुल 203 वाइल्ड एनिमल हैं। इसमें मैमल्स (स्तनधारी) और फिजेंट शामिल हैं। यहां कुल 32 प्रजाति के मैमल्स और फिजेंट उपस्थित हैं। इनमें तेंदुआ, बंगाल टाइगर, तिब्बती भेड़िया, हिमालयन ब्लैक बीयर, मोनाल, सिल्वर फिजेंट, रेड पांडा, रेड जंगल फाउल और मारखोर जैसी प्रजातियां शामिल हैं।
ऐसे पहुंचे चिड़ियाघर
नैनीताल चिड़ियाघर तल्लीताल में स्थित है, जहां आप माल रोड पर जू शटल सेवा के जरिए सरलता से पहुंच सकते हैं। इस शटल सेवा का किराया 60 रुपये है। इसके अतिरिक्त आप पैदल भ्रमण करते हुए भी यहां तक सरलता से पहुंच सकते हैं। चिड़ियाघर सप्ताह में गुरुवार को छोड़कर बाकी सभी दिन पर्यटकों के लिए सुबह 10 बजे से शाम साढ़े चार बजे तक खुला रहता हैं।चिड़ियाघर में प्रवेश के लिए 100 रुपये शुल्क रखा गया है। 12 साल से कम उम्र के बच्चे और सीनियर सिटीजन के लिए कोई शुल्क नहीं है।