मुस्लिम परिवार ने अपना नमाज छोड़कर 7 पुलिसकर्मियों की बचाई जान
हल्द्वानीः उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी के मलिक बगीचा में गैरकानूनी निर्माण को तोड़ने गई टीम पर अचानक पथराव और फायरिंग की घटना ने अत्याचार का रूप ले लिया। एक तरफ जहां पुलिस पर चारों तरफ से पत्थर बरस रहे थे। वहीं एक मुसलमान परिवार ऐसा भी था, जिसने 7 पुलिस वालों की जान बचाई। वनभूलपुरा थाना क्षेत्र में गुरुवार को विद्रोहियों ने सुरक्षाबलों ने ईंट-पत्थर, पेट्रोल बम और कांच की बोतलें बरसा रहे थे। इस बीच एक परिवार अपना नमाज छोड़कर पांच से सात पुलिसवालों की जान बचाई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विद्रोहियों से पूरा परिवार भिड़ गया। सूचना पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने पुलिसवालों को सुरक्षित बाहर निकाला और परिवार को भी सुरक्षा दी। क्षेत्र की करीब 17 से अधिक गलियों में अंधाधुन्ध ईंट-पत्थर सुरक्षा बलों पर बरसाए जा रहे थे। इस दौरान करीब 7 पुलिस वाले विद्रोहियों से बचते हुए गोपाल मंदिर के आसपास पहुंचे और सुरक्षित स्थान ढूंढने लगे।
इसी दौरान एक मकान की खिड़की से बच्चे ने बाहर पुलिसकर्मियों को देखकर परिजनों को बताया। इसके बाद परिवार का एक सदस्य गेट खोला और फिर सभी पुलिसकर्मियों को घर के अंदर बुला लिया। करीब चार घंटे तक पुलिस वाले उस घर में छिपे रहे। इस दौरान जब विद्रोहियों को घर में पुलिस वालों के होने की भनक लगी तो घर में घुस गए। हालांकि परिजनों ने पुलिस वालों के बारे में कुछ भी नहीं बताया। तब तक रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और सभी पुलिस वालों को सुरक्षित बाहर निकाला।
उत्तराखंड के एडीजी एपी अंशुमान ने हल्द्वानी अत्याचार को लेकर बोला कि हल्द्वानी के बाहरी हिस्सों से कर्फ्यू हटा दिया गया है। क्षेत्र में स्थिति सामान्य है। अत्याचार मुद्दे में 5 लोग अरैस्ट किए जा चुके हैं। बाकी लोगों के लिए दबिश दी जा रही है। सीसीटीवी फुटेज के जरीए सहायता ली जा रही है। इस अत्याचार में अभी तक 5 लोगों की मृत्यु हुई है। वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। कई पुलिस वाले भी घायल हैं। इसके अतिरिक्त यह भी कहा कि अब बस छोटे से क्षेत्र में कर्फ्यू है, जिसे हम कुछ देर बाद हटा देंगे।