उत्तराखण्ड

उत्तराखंड की मंजू शाह ने लोगों को अपने पत्तियों की हुनर से चौंकाया

 देहरादून उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में तकरीबन 500 से 2200 मीटर की ऊंचाई पर चीड़ के पेड़ पाए जाते हैं जिनकी पत्तियों को पिरूल बोला जाता है इन्हें पहाड़ी इलाकों के लिए अभिशाप माना जाता है क्योंकि यह पत्तियां वनाग्नि का मुख्य कारण मानी जाती है चीड़ की यह नुकीली पत्तियां जनवरी के महीने से ही जंगल में चादर की तरह बिछ जाती हैं और तापमान बढ़ते ही यह धधकने लगती हैंजंगल को दहकाने वाली इन पत्तियों से स्त्रियों का रोजगार लहलहाने लगा है

क्या आप विश्वास कर पाएंगे कि इन पत्तियों से कोई खूबसूरत आभूषण और सजावटी सामान बन सकता है? जी हां, उत्तराखंड के पहाड़ी लोगों के लिए नामुमकिन कुछ भी नहीं है उत्तराखंड की मंजू शाह ने लोगों को अपने इस हुनर से चौंका दिया इतना ही नहीं, पीएमओ ऑफिस से भी उनके लिए चिट्ठी आई दरअसल, उन्होंने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए पिरूल की राखी बनाकर भेजी थी, जिसके उत्तर में खत आया था अब इस हुनर को मंजू लोगों को सिखा रही हैं उन्हें पिरूल वुमेन भी बोला जाने लगा है

बचपन से ही वेस्ट मैटेरियल और हैंडीक्राफ्ट बनाने का था शौक
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के द्वाराहाट गांव की रहने वाली मंजू शाह को आज लोग पिरूल वुमेन के नाम से जानते हैं इसके लिए उन्होंने कहीं बाहर से ट्रेनिंग नहीं ली बल्कि पिरूल पर अपने नए-नए प्रयोग से वह यह काम कर लेती हैं मंजू ने कहा कि उन्हें बचपन से ही वेस्ट मैटेरियल और हैंडीक्राफ्ट बनाने का शौक था वह जब बीएड कर रही थीं, तब भी वह अपने प्रोजेक्ट वेस्ट मैटेरियल से तैयार करती थीं

खाली स्त्रियों को दिया रोजगार
उन्होंने कहा कि विवाह के बाद एक दिन जब वह अपने मायके आईं, तो उन्होंने अपनी मां द्वारा बनाए गए पिरूल के फूलदान को देखा तो उनके दिमाग में आया क्यों न इसी पर जुटा जाए उन्होंने बोला कि उन्होंने इस पर काम करना प्रारम्भ किया और जो महिलाएं खाली समय में बैठकर वार्ता करती थीं उनको भी इस काम में लगा लिया ताकि खाली समय को अपने रोजगार के लिए लगाया जाए

टी कोस्टर, पिरूल ज्वेलरी से लेकर राखी तक बना देती हैं मंजू शाह
उत्तराखंड की पिरूल वुमेन पिरूल से राखी, टोकरी, फ्लावर पॉट, आसन, पेन स्टैंड, टी कोस्टर, डोरमैट, पूजा थाल, गुड़िया, मोबाइल चार्जिंग होल्डर्स, मल्टी पर्पस बास्केट और पिरूल ज्वेलरी जिनमें ईयरिंग्स, हैंड रिंग और बैंगल भी बना देती हैं मंजू न केवल स्वयं यह काम करती हैं बल्कि स्त्रियों और स्कूली बच्चों को ट्रेनिंग भी देती हैं मंजू बताती हैं कि रक्षाबंधन पर इस बार पिरूल की राखियों की बहुत डिमांड रही उन्होंने स्त्रियों के साथ मिलकर हजारों राखियां तैयार की थीं इससे बने सामान के लिए उनके पास विदेशों से भी ऑर्डर आते हैं

प्रधानमंत्री मोदी को भेजी थी पिरूल की राखी
उत्तराखंड की पिरूल वुमेन मंजू शाह ने कहा कि उन्होंने इस वर्ष रक्षाबंधन पर पीएम मोदी को पिरूल से राखी बनाकर भेजी थी जिसके बाद पीएमओ कार्यालय से उनके पास एक लेटर भेजा गया था, जिसमें उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया था

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