यहां भी सजता है माता वैष्णो देवी का दरबार

धर्मनगरी हरिद्वार में यूं तो कई धार्मिक मठ और मंदिर हैं, जहां पूजा-पाठ करने श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं। यहां पर हर 12 वर्ष बाद महाकुंभ भी लगता है। विश्व विख्यात हर की पौड़ी और उसके आसपास कई प्राचीन और सिद्धपीठ मंदिर हैं, इन्हीं मंदिरों में से एक है सिद्धपीठ वैष्णो देवी का मंदिर। इस मंदिर की स्थापना साल 1965 में सिद्ध पुरुष बाल ब्रह्मचारी कर्म नारायण भिक्षुक द्वारा की गई थी, जिन्हें सिद्धि प्राप्त थी। मंदिर में प्रतिदिन सुबह शाम पुजारी द्वारा आरती की जाती है।
हर की पौड़ी से बाहर निकलते ही प्राचीन वैष्णो देवी का मंदिर एक धर्मशाला के ऊपर बना हुआ है। बोला जाता है कि इस मंदिर में भक्ति रेट से मांगी गई हर इच्छा पूरी होती है। मंदिर पुजारी हेमचंद भट्ट ने बताया कि वैष्णो देवी का यह मंदिर सिद्धपीठ है, जिसकी स्थापना सन 1965 में हुई थी। जो भी श्रद्धालु वैष्णो देवी के मंदिर में आकर इच्छा मांगते हैं, माता उनकी सभी मुरादें पूरी कर देती हैं।
इस मंदिर में है शक्ति
वहीं, पुजारी आगे बताते हैं कि वैष्णो देवी मंदिर में शक्ति है, इसलिए जो भी श्रद्धालु मंदिर में जिस कामना से आता है, वह पूरी हो जाती है। प्राचीन वैष्णो देवी मंदिर में माता की प्रतिमा के साथ-साथ कृष्ण भगवान, राम लखन सीता, बजरंग बली, गणेश महाराज, भगवान विष्णु, लक्ष्मी माता, भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार, गरुड़ अवतार, संत रविदास और गंगा माता समेत शिवलिंग स्थापित हैं