उत्तराखंड राज्य में सामान्य नागरिक संहिता लागू करने का लिया गया निर्णय
सामान्य नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपा गया। पुष्कर सिंह थामी द्वारा उत्तराखंड के सीएम के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए जिम्मेदारी संभालने के बाद, 23 मार्च, 2022 को हुई पहली कैबिनेट बैठक में, उनके वादे के अनुसार, उत्तराखंड राज्य में सामान्य नागरिक संहिता लागू करने का फैसला लिया गया।
इसके बाद, राज्य गवर्नमेंट ने सामान्य नागरिक संहिता के कार्यान्वयन के संबंध में 27 मई, 2022 को उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय जानकार समिति का गठन किया। इस ग्रुप में उनके साथ दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायधीश प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून यूनिवर्सिटी की कुलपति सुरेखा थंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु कौर भी शामिल थीं।
इस मुद्दे में समिति ने बैठक कर अपनी आखिरी रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह थामी को सौंपी। इससे पहले दो दिन पहले सीएम पुष्कर सिंह थामी ने अपनी एक्स साइट पर बोला था, ”हमारी गवर्नमेंट उत्तराखंड राज्य में सामान्य नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस आशय का एक विधेयक आनें वाले विधान सभा सत्र में पेश किया जाएगा और कानून बनाया जाएगा। इससे हम राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति 2 फरवरी को राज्य गवर्नमेंट को अपना मसौदा विधेयक सौंपेगी। उसके बाद सामान्य नागरिक कानून लागू करने की कार्रवाई की जायेगी।
सामान्य नागरिक कानून: सामान्य नागरिक कानून विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने सहित मामलों में धर्म की परवाह किए बिना सभी नागरिकों पर समान कानून लागू करने का प्रावधान करता है। भाजपा की मुख्य नीति इस कानून को पूरे राष्ट्र में लागू करना है।