उत्तराखण्ड

उत्तरकाशी में ऑल वेदर रोड पर टूटी निर्माणाधीन टनल के अंदर 12 नवंबर से 41 मजदूर फंसे

Uttarakhand Tunnel Collapse 6 Plan: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है आज इस ऑपरेशन का 9वां दिन है अब तक श्रमिकों को बाहर निकालने में कोई सफलता नहीं मिली है उत्तरकाशी में ऑल वेदर रोड पर टूटी निर्माणाधीन टनल के अंदर 12 नवंबर से 41 मजदूर फंसे हुए हैं इन श्रमिकों को निकालने के लिए अब तो जो भी प्लान और ऑपरेशन किए गए हैं वो कंपलीट नहीं हुए हैं यहां पर सबसे बड़ी चुनौती उस मलबे से निपटने की है, जो रूक-रूककर सुरंग के अंदर गिर रहा है अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भरोसा जताया है कि श्रमिकों को बचाने के लिए 6 प्लान पर काम किया जा रहा है लेकिन, क्या आप जानते हैं कि वो 6 प्लान क्या हैं?

प्लान नंबर- 1

900 MM का पाइप ड्रिल करना
सुरंग के आकार का रास्ता बनाना
सुरंग की छत को मजबूत करना

प्लान नंबर- 2

पहाड़ की चोटी से ड्रिलिंग
मलबे के पीछे रास्ता तैयार करना
आपूर्ति लाइन के लिए रास्ता

प्लान नंबर- 3

सुरंग के दाईं ओर से ड्रिलिंग
सुरंग के ऊपर से नीचे की ओर ड्रिलिंग
मलबे के पीछे नया रास्ता बनाना

प्लान नंबर- 4

सुरंग की बाईं ओर से सीधी ड्रिलिंग
मलबे के पीछे एक और रास्ता बनाना

प्लान नंबर- 5

एंट्री प्वाइंट से खुदाई में तेजी लाना
450 मीटर के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित रखना

प्लान नंबर- 6

मलबे-चट्टानों के बीच आपूर्ति लाइन
माइक्रो-ड्रोन कैमरों की मदद
पहाड़ की चोटी से आपूर्ति लाइन डालना

उत्तरकाशी टनल धंसने वाले दिन से अबतक क्या हुआ?

12 नवंबर- टनल धंसी टनल में 41 मजदूर फंसे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू श्रमिकों तक खाना-पानी पहुंचाया

13 नवंबर- मलबे को रोकने के लिए कंक्रीट लगाया गया 25 मीटर तक मिट्टी हटाई

14 नवंबर- छोटी मशीन से मलबे में ड्रिल किया गया स्टील पाइप से रेस्क्यू प्लान बना

15 नवंबर- ऑगर ड्रिलिंग मशीन टनल में पहुंची दिल्ली से ऑगर मशीन के पार्ट्स मंगवाए

16 नवंबर-  ड्रिल के जरिए पाइप मलबे में डाला गया हाई कैपेसिटी की अमेरिकी मशीन मंगवाई

17 नवंबर- फंसे लोगों को निकालने के लिए सर्वे मशीन के अंदर दोबारा ड्रिलिंग प्रारम्भ हुई

18 नवंबर-  इंदौर से एयरलिफ्ट की गई नयी ऑगर मशीन ड्रिलिंग के दौरान फिर मलबा गिरा

19 नवंबर-  टनल के ऊपर से ड्रिलिंग करने की कोशिश NDRF, SDRF और BRO ने मोर्चा संभाला

20 नवंबर- टनल साइट पर पहुंची मशीनें विदेशी एक्सपर्ट्स से ली गई राय पर ऑपरेशन बढ़ेगा

अब तक क्यों नहीं निकाले जा सके हैं मजदूर

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बोला है कि इस आपदा का मुकाबला सब लोग सब प्रकार से कर रहे हैं जो अंदर में लोग बैठे हुए हैं, अटके हैं उनके प्रति सरकार, जनता को चिंता है हमारी सर्वोच्च अहमियत है उनकी जान बचायें और उन्हें बाहर निकालें उन्होंने साफ किया है कि हिमालय की मिट्टी कहीं चट्टानों से भरी है तो कहीं मिट्टी ही मिट्टी है लिहाजा अब तक ऑपरेशन को पूरा नहीं किया जा सका है पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से भी रेस्क्यू ऑपरेशन में कई तरह की परेशानियां आ रही हैं लेकिन, इसके बाद भी टनल में फंसे श्रमिकों तक खाने पीने समेत सभी महत्वपूर्ण चीजों को समय पर पहुंचाया जा रहा है

मजदूरों को क्या-क्या भेजा जा रहा है

अब मुख्य बात आती है खाने की तो यहां पर एक 4 इंच की पाइप लाइन है तो उसके जरिए चना मुरमुरा, ड्राई फ्रूट्स, जो भेजे जा सकते हैं 4 इंच की पाइप लाइन में दवाइयां, विटामिन सी, विटामिन बी, उसको हम लोग लगातार भेज रहे हैं नितिन गडकरी ने अब तक हुए रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी को लेकर उन अनेक अफसरों के साथ मीटिंग की जो इसमे शामिल हैं ये बैठक करीब 2 घंटे तक चली जिसमें श्रमिकों को निकालने के लिए किए जा रहे सभी कामों पर उन्होंने ऑफिसरों से बात की नितिन गडकरी ने कहा कि इस काम के लिए 6 वैकल्पिक तरीकों पर कई एजेंसियां काम कर रही हैं और फंसे लोगों को निकालना सर्वोच्च अहमियत है

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