1 साल में आधा हो गया उत्तराखंड के इस झील का जलस्तर
नैनीताल समेत उत्तराखंड में गर्मियों की आरंभ हो चुकी है, और बीते वर्ष बरसात के मौसम में कम बारिश का रिज़ल्ट अब पहाड़ों में दिखाई दे रहा हैं। दरअसल, उत्तराखंड के नैनीताल स्थित नैनीझील के किनारों पर गर्मियों की आरंभ से पहले ही डेल्टा दिखने लगे हैं। पर्यटक जहां इन डेल्टा का लुत्फ उठा रहे हैं।वहीं शहर में लोगों को जल संकट की आहट सुनाई दे रही है। ऐसे में जिनके पास बजट की परेशानी हो और वह गोवा आदि नहीं जा रहे हैं तो ये प्लेस भी अच्छा विकल्प हो सकता है।
नैनीझील के किनारों पर डेल्टा दिखने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में नैनीताल में पेयजल संकट आ सकता है। गर्मियों के सीजन में नैनीताल में पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है। ऐसे में नैनीताल के होटल भी पैक रहते हैं। और पेयजल आपूर्ति भी अत्यधिक रहती है। ऐसे में नैनिझील का अभी से घटता जलस्तर चिंता का विषय है। नैनीताल में इस तरह के हालात वर्ष 2017 में हुए थे।
नैनीझील का जलस्तर चिंता का विषय
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डीडी सती ने मीडिया से खास वार्ता के दौरान कहा कि नैनीझील का जलस्तर मौजूदा समय में 2.4 फीट है। जो मानक जलस्तर से काफी नीचे है। उन्होंने कहा कि नैनीझील का जलस्तर का अभी से इतना नीचे जाना चिंता का विषय है। जलस्तर के कम होने का कारण उन्होंने पिछले बरसात के सीजन में बारिश का न होना बताया। जिस वजह से झील को रिचार्ज करने वाले साधन सूख गए और झील का जलस्तर कम हुआ है। यदि मौसम ऐसा ही रहा तो अभी नैनीझील का जलस्तर और नीचे जा सकता है।
पानी की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक योजना तैयार
नैनीताल जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विपिन चौहान ने मीडिया से खास वार्ता के दौरान कहा कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष झील का जलस्तर लगभग आधा है। ऐसे में यदि आने वाले समय में शहर में पेयजल परेशानी होती है तो टैंकरों के माध्यम से शहर में पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसके साथ ही जल निगम और सिंचाई विभाग द्वारा नैनीताल के पास खैरना में एक बैराज बनाकर नैनीताल, भवाली, भीमताल के इलाकों में पेयजल की आपूर्ति करने की योजना भी है। उन्होंने कहा की इस योजना का डीपीआर बन चुका है। जल्द यह योजना धरातल पर होगी। इस योजना के बाद 8 एमएलडी से बढ़कर 20 एमएलडी पेयजल सप्लाई की योजना है।