उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लू से बचाव के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का किया आयोजन
ऋषिकेश न्यूज डेस्क.. प्रदेश में तीन महीने तक गर्मी खूब पसीना छुड़ायेगी। मौसम विभाग ने अप्रैल, मई और जून माह में राज्य में सामान्य से अधिक तापमान रहने की आसार जताई है। वहीं, खतरे के बीच उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लू से बचाव के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया।
मौसम विभाग के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल का बोलना है कि लंबी अवधि के पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तराखंड में अप्रैल, मई और जून का औसत तापमान सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है. वह शुक्रवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) द्वारा हीट वेव तैयारियों पर आयोजित एक कार्यशाला में बोल रहे थे.
हीट वेव के विभिन्न चरण
राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला में लू से बचाव के संबंध में जरूरी मार्गदर्शन दिया गया. कार्यशाला में मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने गर्मी के विभिन्न चरणों के बारे में बताया. उन्होंने बोला कि यदि मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री तक पहुंच जाता है तो लू चलने की आसार रहती है।
उन्होंने कहा, यदि किन्हीं दो स्थानों पर तापमान लगातार दो दिनों तक सामान्य से साढ़े चार से साढ़े छह डिग्री ऊपर है (मैदानी इलाकों में 40 डिग्री से अधिक और पहाड़ों में 30 डिग्री से अधिक जरूरी है), तो यह है. हीट वेव माना जाता है। उन्होंने बोला कि उत्तराखंड में मई के अंतिम हफ्ते और जून के पहले हफ्ते में तापमान सबसे अधिक होता है।
गर्मी से बचना है जरूरी, करें ये उपाय
स्वास्थ्य विभाग की डाक्टर सुजाता ने बोला कि गर्मी जानलेवा हो सकती है, इसलिए सावधान रहें. उन्होंने बोला कि गर्मी के कारण आदमी में अत्यधिक थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सिरदर्द, मतली, शरीर में ऐंठन, दिल की धड़कन तेज होना, भ्रम आदि जैसे लक्षण दिखने लगते हैं. इसके लिए महत्वपूर्ण है कि खूब पानी पिएं, यदि आपको प्यास न भी लगे तो भी पानी पीते रहें. गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग गर्मी से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, इसलिए सावधानी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए और स्त्रियों को भी इस दौरान खाना बनाने से बचना चाहिए। डाक्टर विमलेश जोशी ने कहा, लू से इंसानों की तरह जानवरों को भी खतरा है. उन्होंने कहा, बच्चों को धूप में खड़ी कारों में न छोड़ें. इसके अलावा, धूप में खड़ी कार में सीधे न बैठें.