उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में जब जनता अपने पर आई…तो दिग्गजों नें गंवाई अपनी सीट

लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की जनता जब अपने पर आई तो उसने फिर प्रत्याशी का कद या पद नहीं देखा, जिसे पसंद किया उसे जिताया और जो नापसंद था उसे हरा दिया. एक जमाने में बीजेपी की राजनीति के तीसरे बड़े ध्रुव डॉमुरली मनोहर जोशी रहे हों या खांटी राजनीतिज्ञ नारायण दत्त तिवारी या फिर कद्दावर हरीश रावत, लोकसभा चुनाव में इन सभी दिग्गजों ने करारी शिकस्त का सामना किया. उनकी हार आज भी राजनीतिक हलकों में राजनीतिज्ञों के लिए एक सबक के तौर पर देखी जाती है.

 

अस्तित्व में आने से पहले और उसके बाद उत्तराखंड 17 चुनावों का साक्षी रहा है. 1951 से 2019 तक हुए इन चुनावों में कांग्रेस, भाजपा, बीएसपी समेत तकरीबन सभी राष्ट्रीय दलों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे. इन चुनावों में 600 से अधिक नेताओं की जमानत बरामद हुई. इनमें वे नाम भी शामिल हैं, जिन्हें राजनीति का धुरंधर माना जाता था. 1984 के लोकसभा चुनाव में अल्मोड़ा सीट पर उस दौर के नौजवान नेता हरीश रावत को कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार बनाया. हरीश ने खांटी राजनीतिज्ञ डॉमुरली मनोहर जोशी को न केवल हराया, बल्कि उनकी जमानत तक बरामद करा दी. जोशी को महज 14.79 प्रतिशत वोट पर संतोष करना पड़ा. इसी सीट पर 1989 के चुनाव में भगत सिंह कोश्यारी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. वह तीसरे जगह पर रहे. यही वह चुनाव था, जिसमें निर्दलीय चुनाव लड़े काशी सिंह ऐरी ने 39 प्रतिशत से अधिक वोट लेकर अपने विरोधियों को दंग कर दिया था.

 

टिहरी लोस सीट पर आठ बार के सांसद रहे महाराजा मानवेंद्र शाह को भी हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें 1971 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार से मात मिली. उन्हें स्वतंत्रता सेनानी परिपूर्णानंद पैन्यूली ने पराजित कर दिया. कद्दावर राजनेता एनडी तिवारी की चुनावी हार का भी अपना इतिहास है. राम लहर के रथ पर सवार बीजेपी ने 1991 के लोस चुनाव में बलराज पासी को कांग्रेस पार्टी के एनडी तिवारी के विरुद्ध मैदान में उतारा. पासी ने एनडी तिवारी को पराजित कर दिया. एनडी की यह हार कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका थी. इस सीट से एनडी तिवारी चुनाव जीतते आ रहे थे. दिग्गज मुरली मनोहर जोशी को हराने वाले हरीश रावत भी चुनावी पराजयों से महफूज नहीं रहे. अल्मोड़ा सीट पर ही उन्हें बीजेपी के बची सिंह रावत के हाथों लगातार तीन हार का सामना करना पड़ा. 2019 के लोकसभा चुनाव में हरीश रावत नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट पर भी चुनाव हार गए.

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