वरुण गांधी एक बार फिर संविदा व सरकारी पदों पर भर्ती ना आने जैसे मामलों पर हमलावर आए नजर
सांसद वरुण गांधी दो दिवसीय दौरे पर अपने लोकसभा क्षेत्र पीलीभीत के दौरे पर पहुंचे। वरुण गांधी एक बार फिर संविदा और सरकारी पदों पर भर्ती ना आने जैसे मामलों पर हमलावर नजर आए। साथ ही किसानों को समस्याओं को लेकर अपनी ही गवर्नमेंट पर हमलावर दिखे। कई कार्यक्रमों के दौरान वरुण गांधी ने जनता को संबोधित करते हुए बोला कि पीलीभीत मेरा लोकसभा क्षेत्र नहीं बल्कि मेरा घर है।
रविवार को पीलीभीत पहुंचने पर सांसद वरुण गांधी का कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। सांसद ने पूरनपुर विधानसभा क्षेत्र के विधिपुर बैजुनागर, शिवनगर गांव में पहुंचकर जनसंवाद कार्यक्रमों को संबोधित किया। उन्होंने बोला कि राष्ट्र में इन दिनों नाम के लिए चिंता हो रही है। होर्डिंग-पोस्टर लगवाकर जनता के बीच वोट मांगने वाले नेता जनता की फिक्र नहीं करते। वरुण गांधी ने बोला कि राजनीति में आजकल दो तरह के लोग पाए जाते हैं, एक वह जो लोगों को आपस में लड़ाकर अपना लाभ देखते हैं तो वहीं कुछ नेता ऐसे भी हैं जो जनता के लिए काम करते हैं।
वरुण गांधी ने जन सभाओं के दौरान एक बार फिर संविदा कर्मचारियों का मामला उठाया। बोला कि इन संविदा कर्मचारियों से जीतोड़ काम लिया जाता है लेकिन समय आने पर इन कर्मचारियों को सम्मान नहीं मिलता।
बैंकों की कार्यशैली पर खड़े किये सवाल
सांसद ने बैंक की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े करते हुए बोला कि राष्ट्र में बड़े आदमी के लिए लोन सरलता से मौजूद है, जबकि गरीब को लोन लेने के लिए बैंकों के कई चक्कर काटने पड़ते हैं। जब अमीर लोग लोन नहीं चुका पाते तो उद्योग के नाम पर उनके ब्याज की माफी कर दी जाती है, जबकि गरीब जब लोन नहीं चुका पाता तो उसके घर की कुर्की की जाती है। तंज करते हुए बोला जबकि लोन की वास्तविक आवश्यकता गरीब को ही है लेकिन राष्ट्र में अमीर लोगों का वर्चस्व कायम है।
सांसद वरुण गांधी का स्वागत करते कार्यकर्ता और नेता।
किसानों का पैसा समय पर नहीं मिलता
वरुण गांधी ने बोला कि राष्ट्र में किसानों का उत्पीड़न लगातार हो रहा है। चीनी मिल किसानों के पैसे को समय पर नहीं देकर किसानों का उत्पीड़न करती हैं यह मनमानी केवल इसलिए हावी है क्योंकि चीनी मिल के विरुद्ध कोई भी कठोर कानून लागू नहीं है वरुण गांधी ने बोला कि कानून केवल गरीबों के लिए बने हैं बलवान आदमी कानून से परे है।
विदेश में पला बढ़ा पर पीलीभीत से पुराना मेरा नाता
वरुण गांधी ने जनसंवाद कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए बोला कि बेशक में विदेश में पला बढ़ा हूं लेकिन विदेशों में मैंने रूखापन देखा है। हिंदुस्तान में भले ही तानाशाही है, पर हमारे राष्ट्र में रिश्तों का रस आज भी कायम है। वरुण गांधी ने बोला कि पीलीभीत के लोगों ने हमेशा हमारे परिवार का साथ दिया है। हमारी पहचान पीलीभीत से है। रुपया पैसा कमाने के लिए मैं राजनीति में नहीं आया। मैंने आप लोगों का भरोसा और आशीर्वाद कमाया है, यह मेरे जीवन की एक बड़ी पूंजी है।
कोरोना में पीलीभीत के लिए बेटी की FD तोड़ दी
वरुण गांधी ने कोविड-19 की याद हुए जनता से बोला कि बुरे समय में नेता सब घर में बैठ जाते हैं कोविड-19 के दौर में भी ऐसा देखने को मिला। मैंने अपनी मां से पूछा कि मैं अपने परिवार के लोगों की सहायता करना चाहता हूं। मां ने जब मुझे हौसला दिया तो मैं अपनी बेटी की एफडी तोड़ दी और चार करोड़ रुपए खर्च करके जनता के लिए ऑक्सीजन और दवाइयां की प्रबंध कराई। इसके साथ ही जब अन्य स्थान जब लोगों के लिए खाने-पीने का संकट उत्पन्न हो रहा था। पीलीभीत में मैंने हर हॉस्पिटल में एक वर्ष तक मुफ़्त रसोई का संचालन कराया ताकि किसी को भूखा पेट ना सोना पड़े।
पीलीभीत के लोगों का हम पर अधिकार, घर क्या बनाऊं
सांसद वरुण गांधी ने बोला कि जब मैं दोबारा पीलीभीत से सांसद चुना गया तो कई लोगों ने मुझे राय दी कि आप यहां घर बना लो। मैंने उन लोगों को उत्तर दिया कि मैंने पीलीभीत की जनता का भरोसा आशीर्वाद कमाया है। मुझे घर बनाने की आवश्यकता नहीं। मैं हजार गज स्थान में घर बनाकर क्या करूंगा। जब पीलीभीत की जनता हमारा परिवार है।
वरुण गांधी ने क्षेत्रीय नेताओं पर तंज कसते हुए बोला जिलों के पास पहले खाने के लिए रोटी नहीं होती थी। आज वह बड़े-बड़े काफिले में चल रहे हैं। आखिर यह पैसा कहां से आ रहा है। मेरे परिवार ने हमेशा त्याग और बलिदान की राजनीति की है। कठिन दौर में मेरे पिता ने एक लाख करोड़ की मारुति कंपनी राष्ट्र के नाम दान कर दी थी। क्या आज के नेता ऐसा कर पाएंगे।
लोकसभा क्षेत्र का दौरा करते सांसद वरुण गांधी।