पूर्व प्रिंसिपल के बेटे को जमीन के नाम पर 60 लाख का चूना लगाने के मामले में पूर्व छात्रनेता सहित दो लोग हुए अरेस्ट
Former student leader arrested in fraud: सेंट एंड्रयूज कॉलेज के पूर्व प्राचार्य जितेंद्र कुमार लाल के बेटे जतिन कुमार लाल को फर्जी ढंग से जमीन बेचकर 60 लाख की ठगी के मुद्दे में पुलिस ने पूर्व छात्रनेता सहित दो लोगों को अरैस्ट किया है। पकड़े गए आरोपितों की पहचान जितेन्द्र कुमार सिंह और श्याम देव साहनी के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों को न्यायालय में पेश किया जहां से कारावास भेज दिया गया। बलिया जिले के नगरा थाना क्षेत्र के खनवर गांव का जितेन्द्र सिंह सेंट एंड्रयूज कॉलेज का पूर्व विद्यार्थी नेता रहा है। उसी दौरान उसका परिचय जितेन्द्र कुमार लाल से हुआ था। एम्स थाना क्षेत्र के रुद्रापुर में जतिन ने 60 लाख रुपये में एक एकड़ जमीन बैनामा कराया था। कुछ दिन बाद जतिन जब खरीदी गई जमीन को ढूंढते हुए पहुंचे तो पता चला कि जमीन के मालिक रुद्रापुर निवासी राधेश्याम ने जमीन किसी को बेची ही नहीं है।
रजिस्ट्री ऑफिस में जब राधेश्याम ने जांच कराई तो पता चला कि उसकी जमीन पर किसी दूसरे आदमी को खड़ा कर फर्जी ढंग से बैनामा कर दिया गया है। उसने इस मुद्दे में खरीदार सहित चार लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने जांच प्रारम्भ की तो पता चला कि पूर्व प्राचार्य जेके लाल के परिचित जितेन्द्र कुमार सिंह ने धोखे से रजिस्ट्री करा दी है। रुद्रापुर निवासी राधेश्याम का बोलना है कि जो जमीन फर्जी ढंग से बेच दी गई है वह उनकी पुश्तैनी जमीन है। जमीन बेचे जाने की जानकारी ली तो पता चला कि बशारतपुर निवासी जतिन कुमार लाल ने उसे खरीदा है। इसमें संजय प्रसाद, इंद्रपाल सिंह गवाह बने हैं। हालांकि पुलिस की जांच में जितेंद्र कुमार सिंह और श्यामदेव साहनी सहित अन्य लोगों का नाम प्रकाश में आया।
बेटा जब जमीन की तलाश करने गया तो खुल गई पोल
लेकिन जितेंद्र और उसके साथियों की योजना पर तब पानी फिर गया। जब डाक्टर जेके लाल के बेटे जतिन ने रजिस्ट्री के एक महीने बाद ही अपनी जमीन की तलाश प्रारम्भ कर दी। वह जमीन पर पहुंचे तो जमीन के वास्तविक मालिक राधेश्याम ने बोला कि उसने तो कोई जमीन बेची ही नहीं है। इससे भांडा फूट गया। चिकित्सक जेके लाल और उनके बेटे को भी विश्वास नहीं हुआ कि उनका भरोसेमंद सहयोगी इस तरह का फर्जीवाड़ा कर सकता है।
गुरु जी को डीड से मतलब है, आएंगे तब देखा जाएगा
पुलिस की जांच में सामने आया कि जमीन के पैसे की हेराफेरी के लिए जितेंद्र कुमार सिंह ने अपने पुराने परिचित श्यामदेव साहनी की सहायता ली। पहले भी दोनों ने एक दूसरे से जमीन की खरीद फरोख्त की थी। एसपी सिटी के मुताबिक वास्तविक विक्रेता (राधेश्याम) के जमीन बेचने के लिए तैयार न होने पर जितेंद्र ने फर्जीवाड़ा की षड्यंत्र रची। उसने श्यामदेव से बोला कि जमीन कहां हैं। इससे मतलब नहीं है। गुरुजी को केवल डीड से मतलब है। उनके पास जमीन के कागजात रहेंगे तो वह मान लेंगे। बाद में 10-15 वर्ष बाद जब वह जमीन खोजने जाएंगे तो देखा जाएगा।