केले की खेती से बदल गई इस किसान की किस्मत
खेती से भी तरक्की की इबारत लिखी जा सकती है। आवश्यकता है तो केवल लगन और कड़ी मेहनत की। उत्साह बढ़ाने के लिए कही जाने वाली ऐसी बातों को अमेठी के एक किसान ने साबित कर दिखाया है। केले की खेती कर किशन रवि प्रकाश शुक्ला अच्छा खासा फायदा कमा रहे हैं। जैविक विधि से किले की खेती करने वाले किशन रवि प्रकाश शुक्ला ने इस खेती को करीब 5 वर्ष पहले प्रारम्भ किया और आज उन्होंने अपनी पहचान न केवल एक प्रगतिशील किसान के तौर पर बनाई है बल्कि प्रदेश स्तर पर कई बार सम्मानित भी हो चुके है।
केले की खेती करने वाले प्रगतिशील किसान अमेठी जिले के संग्रामपुर थाना क्षेत्र के कंसापुरगांव के रहने वाले हैं। कंन्सापुर गांव के रहने वाले किसान रवि प्रकाश शुक्ला कई एकड़ में केले की खेती करते हैं। केले की खेती में खास तौर पर जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं। उनके मुताबिक, गेहूं, धान और अन्य पारंपरिक फसलों की अपेक्षा इसमें करीब चार गुना लाभ है।
केले की फसल करीब 14 महीने की होती है। एक बीघे में लगभग दो लाख रुपए मिल जाते हैं। इसमें गोबर की खाद केंचुए की खाद के साथ अन्य ऐसे कई जैविक पदार्थ का इस्तेमाल करते हैं, जो केले की खेती के लिए काफी लाभ वाला है।
रेडियो से मिली प्रेरणा
किसान रवि प्रकाश शुक्ला ने कहा कि उन्होंने रेडियो पर सीतापुर के किस आरपी सिंह की बातों को सुनकर केले की खेती को करने का मन बनाया। उन्होंने कहा कि हमारा केला मुगलसराय, रायबरेली, फैजाबाद, अयोध्या, सुल्तानपुर, बाराबंकी, पीलीभीत जैसे कई बड़े शहरों में जाता है। उन्होंने बोला कि केले की फसल से हमें अच्छा खासा फायदा हो रहा है। पहले हमें काफी दिक्कतें थीं। लेकिन बाद में इस काम को जब हमने और आगे बढ़ाया तो हमें अच्छा खासा फायदा हो रहा है।
प्रदेश के कई हिस्सों में होती है बिक्री
संग्रामपुर के प्रगतिशील किसान बन रवि प्रकाश शुक्ला द्वारा तैयार किए गए। केले की फसल प्रदेश के कई हिस्सों में भेजी जाती है और अच्छा खासा फायदा में फसल को बेचने के बाद कमाते हैं। खास बात यह है कि उन्होंने बड़े छोटे स्तर पर इस काम को प्रारम्भ किया था और आज वह काफी बड़े स्तर पर इस काम को कर रहे हैं।