लोकसभा में होंगी 181 महिला सांसद,जाने किस विधानसभा में कितनी नारियां…
Women Reservation and Assembly Seats: संसद के निचले सदन लोकसभा और राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में स्त्रियों को एक तिहाई आरक्षण देने के लिए मंगलवार को ऐतिहासिक स्त्री आरक्षण बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे 128वें संविधान संशोधन विधेयक, 2023 के रूप में सदन के पटल पर रखा। अब बुधवार को इस पर सदन में चर्चा होगी। नए संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है।
सरकार ने बोला है कि स्त्री आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद लोकसभा में कुल 181 स्त्री सांसद हो जाएंगी। बिल का उद्देश्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नीति-निर्माण में स्त्रियों की अधिक भागीदारी को सक्षम बनाना है। इसमें बोला गया है कि परिसीमन प्रक्रिया प्रारम्भ होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 सालों तक जारी रहेगा। विधेयक के अनुसार, प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में स्त्रियों के लिए आरक्षित सीटों की अदला बदली होगी।
बिहार विधानसभा में कैसी होगी तस्वीर
महिला आरक्षण बिल के पारित हो जाने के बाद परिसीमन प्रक्रिया प्रारम्भ होगी और उसके बाद स्त्रियों के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की जाएंगी। इस प्रक्रिया में बिहार की कुल 243 सीटों में से 81 सीटें स्त्रियों के लिए आरक्षित होंगी। बता दें कि 243 में से 38 सीटें अनुसूचित जाति और दो सीट अनूसूचित जनजाति के लिए पहले से ही आरक्षित हैं। इस तरह राज्य में कुल 121 सीटें आरक्षित हो जाएंगी, जो कुल सीटों का करीब 50 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में अब कितनी महिलाएं होंगी
उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं। इममें से 84 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और दो सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। स्त्री आरक्षण लागू होने के बाद 134 सीटें स्त्रियों के लिए सुरक्षित हो जाएंगी। इस तरह 403 सीटों में से कुल 220 सीटें रिजर्व हो जाएंगी। यह 50 प्रतिशत के मनोवैज्ञानिक स्तर से अधिक है।
किस विधानसभा में कितनी नारियां
राज्य कुल सीट आरक्षण के बाद स्त्रियों की संख्या
आंध्र प्रदेश 175 58
अरुणाचल प्रदेश 60 20
असम 126 42
बिहार 243 81
छत्तीसगढ़ 90 30
दिल्ली- 70 23
गोवा 40 13
गुजरात 182 61
हरियाणा 90 30
हिमाचल प्रदेश 68 23
जम्मू-कश्मीर 90 30
झारखंड 81 27
कर्नाटक 224 75
केरल 140 47
मध्य प्रदेश 230 77
महाराष्ट्र 288 96
मणिपुर 60 20
मेघालय 60 20
मिजोरम 40 13
नागालैंड 60 20
ओडिशा 147 49
पुद्दुचेरी 30 10
पंजाब 117 39
राजस्थान 200 67
सिक्किम 32 11
तमिलनाडु 234 78
तेलंगाना 119 40
त्रिपुरा 60 20
उत्तर प्रदेश 403 134
उत्तराखंड 70 23
पश्चिम बंगाल- 294 98