प्राथमिक विद्यालय में स्टाफ के बीच चले आ रहे विवाद को लेकर ग्रामीणों ने शिक्षकों पर लगाया आरोप
ग्रामीणों ने विद्यालय स्टाफ को चेतावनी दी कि विद्यालय का माहौल बदल लो, नहीं तो विवश होकर उन्हें विद्यालय से बच्चों के नाम कटवाकर उन्हें दूसरे विद्यालयों में भेजना पड़ेगा। विद्यालय में पढ़ने वाले अनेक विद्यार्थियों के अभिभावक विद्यालय खुलने के साथ ही विद्यालय पहुंच गए। उन्होंने स्टाफ के बीच आए दिन होने वाले आपसी टकराव एवं अभद्रता को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए नारेबाजी करते हुए बवाल करना प्रारम्भ कर दिया। इस दौरान उनकी शिक्षकों से नोंक-झोंक भी हो गई।
ग्रामीणों का इल्जाम था कि विद्यालय में तैनात स्टाफ आपस में झगड़ा करता हैं और अभद्रता भी करते हैं। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। उन्होंने बोला कि जब तक आपस में झगड़ा करने वाले शिक्षकों का यहां से ट्रांसफर नहीं होगा तब तक विद्यालय का माहौल नहीं बदलेगा। उन्होंने प्रकरण में डीएम, बीएसए समेत अन्य ऑफिसरों से कम्पलेन करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
हंगामे की समाचार पर महुआखेड़ा पुलिस भी पहुंच गई और ग्रामीणों को किसी तरह समझा-बुझाकर शांत कराया और घर भिजवाया। ग्रामीणों ने इस प्रकरण को लेकर सोमवार को भी विद्यालय पहुंचकर जमकर बवाल काटा था। इतना ही नहीं विद्यालय के गेट पर भी ताला जड़ दिया था। ग्राम प्रधान लज्जावती ने डीएम एवं बीएसए को पत्र भेजकर मुद्दे की जांच कराने की मांग की थी। ग्राम प्रधान ने बोला कि विद्यालय स्टाफ के आपसी झगड़े का असर बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है। ऐसे में दोनों का ट्रांसफर अन्यंत्र कर दिया जाए, जिससे विद्यालय में शिक्षा का बेहतर माहौल बन सके।