वकील ने शिक्षक को घर बुलाया और उसकी पत्नी के अवैध संबंधों के शक में कमरा बंद करके उसे फूंक डाला जिंदा
Murder on suspicion of illicit relations: कानपुर के पनकी में पत्नी के गैरकानूनी संबंधों के संदेह में शिक्षक को वकील ने घर बुलाया और कमरा बंद कर जिंदा फूंक डाला। पुलिस ने आरोपी को अरैस्ट कर लिया है। फतेहपुर के देउरी बुजुर्ग निवासी दयाराम (45) कानपुर देहात के बुधौली स्थित ग्राम विकास इंटर कॉलेज में समाजशास्त्र के शिक्षक थे। साल 2009 में उनकी विवाह फतेहपुर के भैसौली निवासी संगीता से हुई थी। इनके एक पुत्र आद्विक है। गैरकानूनी संबंधों के संदेह के चलते दयाराम ने अक्तूबर में तलाक का केस किया था।
रसधान के एक इंटर कॉलेज में शिक्षक महेश से दयाराम की दोस्ती थी। पनकी के पतरसा गांव निवासी वकील संजीव कुमार महेश का बहनोई है। इसी वजह से दयाराम का संजीव कुमार के घर आना-जाना प्रारम्भ हो गया था। संजीव को साल 2016 से अलग रह रही अपनी पत्नी निशा से दयाराम के गैरकानूनी संबंधों को लेकर संदेह हो गया था, फिर उसने मर्डर की योजना बनाई। एसीपी तेज बहादुर सिंह के अनुसार संजीव ने गैरकानूनी संबंधों के चलते हत्या की बात कबूली है।
संजीव के बुलावे पर रविवार सुबह साढ़े नौ बजे दयाराम पनकी के पतरसा में उससे मिलने पहुंचे। मौके का लाभ उठाकर संजीव ने दयाराम को कमरे में बंद कर दिया और आग लगा दी। लपटों से स्वयं को घिरा देख दयाराम ने छोटे भाई अनुज को टेलीफोन करके बोला कि इन लोगों ने कमरे में बंद कर आग लगा दी है। अनुज ने गुजैनी पुलिस को सूचना दी। पुलिस कुंडी खोलकर कमरे में दाखिल हुई लेकिन तब तक दयाराम दम तोड़ चुके थे।
नफरत की आग ने दिया घटना को अंजाम
पनकी के पतरसा गांव में शिक्षक को कमरे में बंदकर जिंदा फूंक देने वाली घटना से सभी सन्न रह गए। पत्नी से गैरकानूनी संबंधों के संदेह के चलते हत्यारोपित संजीव कुमार के मन में शिक्षक दयाराम के विरुद्ध केवल नफरत ही नफरत थी। उसने शिक्षक को बेरहमी से तड़पा कर मारने की योजना बना रखी थी, इसलिए संजीव दयाराम को कई दिनों से मिलने के लिए बुला रहा था।
रविवार सुबह जब संजीव कुमार को पता चला कि दयाराम आखिर उससे मिलने आ रहा है तो उसने शिक्षक को जलाने की तैयारी अपने मकान के एक कमरे में प्रारम्भ कर दी। कमरे में लकड़ियों के ढेर रख दिए। जिन पर उसने पेट्रोल भी डाल दिया था। खिड़कियों पर पुआल और भूंसा रख दिया था। साथ ही बोरों से ढंक दिया था। धोखे से दयाराम को इस कमरे में ले जाकर संजीव ने दरवाजे में बाहर से कुंडी मार दी। इसके बाद खिड़कियों में बोरे डालकर आग लगा दी।
बउआ बचा लो।। ई आगी लगा दीन्हीं हन
आग की लपटों से स्वयं को घिरा देख दयाराम ने अपने छोटे भाई अनुज को टेलीफोन कर बोला कि बउआ बचा लेयो, ई आगी लगा दीन्हीं हन। भाई के टेलीफोन पर सहायता की गुहार सुन अनुज ने 112 नम्बर पर टेलीफोन किया। टेलीफोन न लगने पर उसने गुजैनी पुलिस स्टेशन के सीयूजी नंबर पर टेलीफोन कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दरवाजा खोल दयाराम को बाहर निकाला, लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुका था।
लोगों ने सुनी थी चीखने की आवाज
आग की लपटों से घिरा देख बेबस शिक्षक दयाराम चिल्लाता रहा। वहां से गुजरने वाले कुछ लोगों ने चीखने की आवाजें भी सुनीं, लेकिन कोई खास ध्यान नहीं दिया। मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम को मौके पर पेट्रोल की गंध भी मिली। खिड़कियों पर जले हुए बोरे भी मिले हैं। कमरे में धुआं भरा हुआ था, टीम ने दम घुटने के चलते भी शिक्षक की मृत्यु की संभावना जताई है।
पत्नी से था विवाद
मृतक के भाई अनुज ने कहा कि दयाराम और उनकी पत्नी का टकराव चलता था। दोनों का एक बेटा भी है। पत्नी से टकराव के बाद 24 सितंबर 2023 से दयाराम अनुज के ससुराल कानपुर देहात में रह रहे थे।
डायरी में लिखी थी डीएनए जांच करने की बात
कल्याणपुर एसीपी तेज बहादुर सिंह ने कहा कि हत्यारोपित संजीव कुमार दयाराम पर अपनी पत्नी से गैरकानूनी संबंधों को लेकर संदेह करता था। दयाराम ने संजीव से कई बार पत्नी को छोड़ देने की बात भी कही थी। संजीव की पत्नी 2016 से नवाबगंज में रह रही है। हत्यारोपित ने डायरी में स्वयं की बेटी की डीएनए जांच करने की बात भी लिखी है।